Friday, November 22"खबर जो असर करे"

आज से GST की दरों में बदलाव, खाने-पीने की चीजें होंगी महंगी

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल (GST Council) के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (GST Rates) देना होगा। इस तरह 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।

‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था। सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अबतक 12 प्रतिशत था। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत थी।

ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है। बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी’ श्रेणी तक सीमित होगी। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा।

बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को दशकों से कर कानूनों के तहत कर-निरपेक्ष दर्जा प्राप्त है।मोहन ने कहा, ”संशोधन के संबंध में जो सवाल दिमाग में आता है, वह यह कि चूंकि चिकित्सा प्रतिष्ठानों द्वारा किया जाने वाला इलाज एक समग्र आपूर्ति है, इसलिए इसके लेनदेन के विभिन्न तत्वों पर नई कर देनदारी लगाने के लिए इसे कृत्रिम रूप से विभाजित नहीं किया जा सकता है। यह अधिसूचना धारा आठ के प्रावधान से परे प्रतीत होती है, जो सभी समग्र आपूर्ति लेनदेन पर एकल कर को अनिवार्य करता है।”