नई दिल्ली। शेयर बाजार (Share Market) के प्रति आम निवेशकों (common investors) के बढ़ते रुझान के कारण देश में पहली बार डीमैट अकाउंट (Demat account count) की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार (crosses 10 crore mark) कर गई है। अगस्त महीने के अंत तक देश में कुल डीमैट अकाउंट की संख्या 10.05 करोड़ हो गई है। सिर्फ अगस्त के महीने में ही 22 लाख नए डीमैट अकाउंट खोले गए। पिछले 4 महीने के दौरान डीमैट अकाउंट खोलने का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड (सीडीएसएल) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक करीब ढाई साल की अवधि में देश में डीमैट अकाउंट की संख्या में करीब 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2020 तक देश में डीमैट अकाउंट की संख्या 4.09 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 10.05 करोड़ हो गई है। दरअसल, कोरोना संक्रमण के दौरान बाजार में आई तेज गिरावट और उसके कुछ दिन बाद ही बाजार में आई जबरदस्त तेजी की वजह से देश में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है।
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि महामारी फैलने के बाद लॉक डाउन की अवधि में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने खाली समय का अधिकतम उपयोग शेयर ट्रेडिंग करने में किया। खासकर इस दौरान शेयर बाजार से मिले जबरदस्त रिटर्न के कारण भी निवेशकों की स्टॉक ट्रेडिंग की दिशा में रुचि बढ़ी। इसके साथ ही निवेश के दूसरे माध्यमों में लगातार रिटर्न कम होने, ब्रोकरेज रेट में कमी आने, मोबाइल के जरिए शेयर ट्रेडिंग करने की सुविधा मिलने जैसे कारणों की वजह से भी पिछले ढाई साल की अवधि में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है। शेयर और सिक्योरिटीज को डिजिटल फॉर्म में जिन खातों में रखा जाता है, उसे डीमैट अकाउंट कहते हैं। शेयरों की खरीद बिक्री करने के लिए किसी भी निवेशक के पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है। इसके बिना शेयरों की खरीद बिक्री नहीं की जा सकती है।
डीमैट अकाउंट का संचालन एनएसडीएल और सीडीएसएल द्वारा किया जाता है। इनमें सबसे अधिक डीमैट अकाउंट सीडीएसएल के पास हैं। अगस्त महीने के अंत तक सीडीएसएल के पास कुल 7.16 करोड़ डीमैट अकाउंट थे, जबकि एनएसडीएल 2.89 करोड़ डीमैट अकाउंट को संभाल रहा था। (एजेंसी, हि.स.)