नई दिल्ली। आजादी के अमृतकाल में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वैश्विक महामारी को मात देकर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। खास बात यह है कि ब्रिटेन को पछाड़ कर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है। पिछले 10 वर्षों में 11वें पायदान से यहां तक का सफर भारत ने तय किया है। इस लिहाज से भी यह बेहद शानदार और प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने वाला क्षण है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत साल 2021 के आखिरी तीन महीने में ब्रिटेन से आगे निकला। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में भी भारत की ये बढ़त वित्त वर्ष 2022-23 में भी जारी है। भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर रही, जबकि इसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर रही। इस लिहाज से अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी रह गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक रोजमर्रा की चीजें महंगी होने से ब्रिटेन ने दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा खो दिया। दरअसल, ब्रिटेन पिछले चार दशकों में सबसे तेज महंगाई और मंदी के बढ़ते रिस्क का सामना कर रहा है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अनुमान जताया है कि यह स्थिति 2024 तक रहेगी। वहीं, दूसरी ओर भारतीय अर्थव्यवस्था के इस वर्ष 7 फीसदी से ज्यादा की दर से बढ़ने का अनुमान है।
आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में भी मामूली जीडीपी (2.9 लाख करोड़ डॉलर) से भारत 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था, जबकि ब्रिटेन (2.8 लाख करोड़ डॉलर) छठे स्थान पर आ गया था। हालांकि, भारत फिर ब्रिटेन से पिछड़ गया था। दरअसल ब्रिटेन को पीछे छोड़ने की खबर ऐसे वक्त में आई है, जब भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 13.5 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की है। भारत दुनिया में सबसे तेज आर्थिक विकास दर हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक यह कैलकुलेशन अमेरिकी डॉलर पर आधारित है। हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य तय किया है। वहीं, पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने जारी अपनी रिपोर्ट में देश की अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2047 तक 20 हजार अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जताया है। इसके अलावा वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7 से 7.4 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने की ओर बढ़ रही है। एजेंसी/हिस