क्वेटा । पाकिस्तान के चर्चित प्रांत बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बलूचिस्तान मानवाधिकार आयोग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने एक माह में 48 बलूचों को मार डाला।
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के दमन चक्र की खबरें अब आम हो गयी हैं। बलूचिस्तान के लोग लगातार पाकिस्तानी सेना द्वारा शोषण किये जाने के आरोप लगाते रहे हैं। अब बलूचिस्तान मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ने इन आरोपों को बल प्रदान किया है। बलूचिस्तान मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक माह यानी महज जुलाई महीने में पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान के 48 लोगों को मार डाला। इनमें से 11 लोगों को तो फर्जी मुठभेड़ दिखाकर सरेआम मार डाला गया। इसके अलावा जुलाई महीने में 45 लोगों के अचानक लापता होने के मामले सामने आए हैं। माना जा रहा है कि ये लोग भी पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों का शिकार हुए होंगे।
मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लोगों की हत्याएं होना और उनका अचानक गायब हो जाना कानून का सरासर उल्लंघन है। इससे हजारों नागरिक प्रभावित हो रहे हैं। यह अपराध बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और उनसे संबद्ध मिलिशिया द्वारा किए जा रहे हैं जिन्हें स्थानीय रूप से मौत के दस्ते के रूप में जाना जाता है। पूर्व नियोजित रणनीतियों से इन वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। जुलाई के महीने में अचानक गायब लोगों के परिजनों ने पूरे बलूचिस्तान में प्रदर्शन भी किये हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा फर्जी मुठभेड़ में 11 लोगों को मारने पर भी जबरदस्त आक्रोश दिखा। लोग पाकिस्तान की सेना को बलूचिस्तान का आतंकवादी करार दे रहे हैं।