Sunday, November 24"खबर जो असर करे"

वक्फ बिल को लेकर मुस्लिमों को भड़काने पाकिस्तान जा रहा जाकिर नाइक

इस्लामाबाद। इस्लाम के प्रचार के नाम पर अपने भाषणों से नफरत फैलाने वाला भगोड़ा जाकिर नाईक पाकिस्तान जा रहा है। जाकिर नाईक की पाकिस्तान यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब वह कुछ दिन पहले ही वक्फ बोर्ड के मामले को लेकर भारत में मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर चुका है। जाकिर नाइक के एक्स हैंडल से किए गए पोस्ट के अनुसार, वह कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में भाषण देगा।
बेटा भी रहेगा साथ
जाकिर का दौरा 5 अक्टूबर को कराची से शुरू होगा और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में समाप्त होगा। पाकिस्तान दौरे पर जाकिर नाइक का बेटा फारिक नाइक भी साथ रहेगा और तीनों शहरों में भाषण देगा। नाइक ने बताया है कि कराची का कार्यक्रम मुहम्मद अली जिन्ना की समाधि के सामने स्थित बाग-ए-कायद में होगा। भगोड़ा जाकिर नाईक इस समय मलेशिया में रह रहा है।

इसी सितम्बर महीने में जाकिर नाईक ने भारत में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भड़काऊ बयान जारी किया था। नाईक ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें भारत के मुसलमानों से वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने को कहा था। जाकिर नाईक ने इस संशोधन को इस्लाम विरोधी बताया था और दावा किया था कि इसके जरिए मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की जमीन लेना चाहती है।

मोदी सरकार को बताया था मुस्लिम विरोधी
जाकिर नाईक ने मोदी सरकार को मुस्लिम और इस्लाम विरोधी बताया था और कहा कि वह इस जमीन को लेना चाहती है। भारतीय मुस्लिमों के नाम दिए गए वीडियो संदेश में नाईक ने मुसलमानों से बिल का विरोध करने को कहा था। उसने कहा था कि अगर केवल 50 लाख मुस्लिम इसका विरोध कर दें तो यह बिल रुक सकता है।

नाईक ने क्यों नहीं ली पाकिस्तान में शरण?
भारत में वांछित जाकिर नाईक भागा-भागा फिर रहा है और फिलहाल मलेशिया में रह रहा है। भारत सरकार ने मलेशिया से नाईक के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन वहां की सरकार उसे संरक्षण दे रही है। हाल ही में एक पाकिस्तानी यूट्यूबर को जाकिर नाईख ने बताया कि उसने पाकिस्तान की बजाय मलेशिया जाना क्यों चुना।

नाईक ने कहा, ‘मेरे लिए पाकिस्तान जाना आसान होता। मैं पहले भी पाकिस्तान जा चुका हूं और वहां मेरे बहुत से समर्थक हैं।’ उसने आगे कहा कि ‘अगर मैं पाकिस्तान चला जाता, तो भारत मुझे ISI एजेंट करार दे देता और मेरे संस्थान को बंद करने के लिए झूठे प्रचार का इस्तेमाल करता, जिससे इस्लाम की शिक्षाओं को फैलाने के मेरे प्रयासों में बाधा आती।’