Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

मध्यप्रदेश में मोदी मैजिक के साथ ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ का व्यापक असर,

प्रदेश में भाजपा फिर से सरकार बनाने की ओर अग्रसर’

सिंगरौली। मध्यप्रदेश में ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ ने जीता महिलाओं का मन! यह भाजपा को खुश करने की कोई मनगढ़ंत अफवाह नहीं है, बल्कि यह एक जमीनी सच्चाई है। शिवराज सरकार की इस राजनीतिक जादुई योजना का बारीकी से विश्लेषण किया जाय तो यह योजना शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक जबरदस्त लोकप्रिय साबित होती देखी जा रही है। विशेषकर गांव गिरांव के गरीब किसानों व मजदूर वर्गो के बीच ‘लाडली बहना योजना’ का जबरदस्त करंट है।
मध्यप्रदेश के राजनीतिक रण की बात करें तो मुख्य रूप से आमने सामने की लड़ाई भाजपा व कांग्रेस के बीच ही है। हालांकि कुछ सीटों पर त्रिकोणीय तो कुछेक पर चतुष्कोणीय लड़ाई भी है। जहां तक बागियों का सवाल है तो भाजपा व कांग्रेस, यानि दोनों को उनके बागियों से नुकसान होगा। परंतु सबसे अधिक नुकसान भाजपा को उसके बागी उम्मीदवारों से है। तो वहीं भाजपा के कुछ मौजूदा सीनियर विधायकों का टिकट कटने से उनकी नाराजगी के कारण भितरघात होने का अनुमान लगाया जा रहा है। तकरीबन दर्जन भर सीटों पर भाजपा को उसके बागियों से सीधा खतरा है। तो वहीं कई सीटों पर कांग्रेस को भी उसके बागियों तथा असंतुष्टों की वजह से नुकसान होने की संभावनायें बनी हुई हैं।
उधर प्रदेश की राजनीति में तीसरे विकल्प के तौर आम आदमी पार्टी के प्रवेश से थोड़ा सियासी वातावरण में जरूर हलचल देखने को मिल रही है। परंतु आम आदमी पार्टी के मैदान में आने से कांग्रेस को सबसे अधिक नुकसान होने का अनुमान है। तो वहीं आम आदमी पार्टी की वजह से दो चार सीटों पर भाजपा के विपरीत असर पड़ना भी माना जा रहा है।

उधर कांग्रेस इस बात का यकीन करके चल रही है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति प्रदेश की जनता में असंतोष व नाराजगी है। लिहाजा उसका सीधा लाभ कांग्रेस को ही मिलना ही। कांग्रेस को यह भी भरोसा है कि 2023 में मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन तय है और इसी के साथ कांग्रेस की सरकार भी बनना तय है, परंतु तमाम विश्लेषणों के बाद मध्यप्रदेश की जमीनी हकीकत यह है कि केंद्र की मोदी सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का सकारात्मक असर मध्यप्रदेश की जनता में बना हुआ है। यानि मोदी सरकार के प्रति जनता की विश्वसनीयता फिलहाल बराबर बरकरार बनी हुई है। दूसरी बड़ी बात यह है कि शिवराज सरकार ने चुनाव से ठीक पहले ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ का ऐसा जबरदस्त पोलीटिकल गेम खेला कि प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री बनने का कमलनाथ सारा सपना चूर होकर बिखरता नजर आने लगा है। यकीनन इस योजना के जरिये शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के हर वर्ग को प्रभावित करने में सफल हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास कोई भी ऐसी विधा या टेक्नोलॉजी नहीं है जो मोदी सरकार के प्रति मध्यप्रदेश की जनता के विश्वास को तोड़ने तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना के प्रभाव को रोकने में कामयाब हो सके।

निष्कर्ष तौर पर यह कि मध्यप्रदेश में जहां सत्ता परिवर्तन की संभावनाओं से गदगद कांग्रेस की तमाम सारी घोषणाओं, वचनों को प्रदेश की जनता, विशेषकर महिलाओं ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया है और मोदी, शिवराज के प्रति अपने भरोसे को और अधिक मजबूत बना लिया है। कुलमिलाकर मध्यप्रदेश में 2023 के चुनावी हवा का रुख भाजपा की ओर हो चुका है। तथापि मध्यप्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। जाहिर सी बात है कि मध्यप्रदेश भाजपा की इस कामयाबी के लिए जनता के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता तो बनी ही है, इसके अलावा ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ सबसे अधिक कारगर साबित होती दिखाई दे रही है।