नई दिल्ली (New Delhi)। खुदरा महंगाई (retail inflation) के बाद थोक महंगाई (wholesale inflation) से भी आम आदमी को फिलहाल राहत नहीं मिली है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर (Inflation rate based on Wholesale Price Index (WPI)) अगस्त में मामूली बढ़त (Slight increase in August) के साथ -0.52 पर पहुंच गई है। इससे पिछले महीने जुलाई में यह -1.36 फीसदी रही थी। हालांकि, लगातार पांच महीने से थोक महंगाई दर निगेटिव (शून्य) से नीचे है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को जारी आंकड़ों में बताया कि अगस्त में थोक महंगाई दर सालाना आधार पर -0.52 रही है। इससे पिछले महीने जुलाई में यह दर -1.36 फीसदी रही थी, जबकि जून में थोक महंगाई दर -4.12 फीसदी थी। मंत्रालय के मुताबिक थोक महंगाई की नकारात्मक दर मुख्य रूप से खनिज तेल, बुनियादी धातुओं, रासायनिक और रासायनिक उत्पादों, कपड़ा और खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट की वजह से बनी हुई है, लेकिन इससे पिछले महीने की तुलना में इसमें इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक खाने पीने की चीजें सस्ती होने से अगस्त में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई घटकर 5.62 फीसदी पर आ गई है, जो इससे पिछले महीने जुलाई में यह 7.75 फीसदी रही थी। ईंधन और बिजली की महंगाई दर बढ़कर -6.03 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि इससे पिछले महीने जुलाई में यह दर -12.79 फीसदी रही थी। हालांकि, सब्जियों की थोक महंगाई दर 62.12 फीसदी से घटकर 48.39 फीसदी रही है। इसी तरह विनिर्मित उत्पादों की महंगाई दर अगस्त में -2.37 फीसदी रही है, जबकि जुलाई में यह -2.51 फीसदी थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में रखने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से पिछले महीने तीसरी बार नीतिगत दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था। अगस्त में खुदरा महंगाई दर 6.83 फीसदी रही है, जो जुलाई महीने के 7.44 फीसदी से कम है।