नई दिल्ली (New Delhi)। खुदरा महंगाई (retail inflation) के बाद थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित (Based on Wholesale Price Index (WPI)) महंगाई दर (fall in inflation) में गिरावट दर्ज हुई है। मई में थोक महंगाई दर घटकर -3.48 फीसदी (Wholesale inflation down to -3.48 percent) पर आ गई है। अप्रैल में यह -0.92 फीसदी रही थी। एक साल पहले मई, 2022 में थोक महंगाई दर 16.63 फीसदी पर थी, जबकि जून 2020 में यह -1.81 फीसदी रही थी। इस तरह ये इसका तीन साल का निचला स्तर है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को जारी आंकड़ों में बताया कि मई महीने में थोक महंगाई दर घटकर -3.48 फीसदी रही है। थोक महंगाई दर में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम घटने से आई है। यह लगातार दूसरा महीना है, जब डब्ल्यूपीआई पर आधारित महंगाई दर घटकर शून्य से नीचे आई है।
आंकड़ों के मुताबिक मई महीने में खाद्य पदार्थों की महंगाई घटकर 1.51 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल में यह 3.54 फीसदी पर रही थी। इसी तरह ईंधन और बिजली क्षेत्र की महंगाई घटकर -9.17 फीसदी पर आ गई है, जबकि अप्रैल महीने में यह 0.93 फीसदी रही थी। विनिर्मित उत्पादों की महंगाई मई में -2.97 फीसदी रही है, जबकि अप्रैल में यह शून्य से 2.42 फीसदी नीचे थी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालाय (एनएसओ) के जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खुदरा महंगाई दर भी घटकर 4.25 फीसदी पर आ गई है, जो इसका 25 महीने का निचला स्तर है।