भोपाल ! शारदीय नवरात्रि का इतजार हर देवी भक्तों को बड़े ही बेसब्री से रहता है। इस साल नवरात्रि शुरू होने में अब बस चंद दिन ही बाकी है। नवरात्र के पूरे 9 दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के दौरान देवी मां के मंदिरों से लेकर घरों तक में माता रानी की विधिपूर्वक उपासना की जाती है। चारों तरफ देवी मां के भजनों और जयकारों की गूंज सुनाई देती है। शारदीय नवरात्रि के इन नौ दिनों को धार्मिक दृष्टि से बेहद ही शुभ माना गया है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हुए मां की आराधना , पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक शक्ति की विशेष पूजा करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
शारदीय नवरात्रि 2023 कब से होगी शुरू?
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 25 मिनट से शुरू
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त- 16 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 13 मिनट पर समाप्त
शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि कलश-स्थापना मुहूर्त- 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक
अवधि- केवल 46 मिनट
ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति: नवरात्रि के दौरान राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग पर रोजाना लौंग का जोड़ा अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में मौजूद राहु और केतु के अशुभ फल कम मिलते हैं।
पहले दिन करें मंगल ग्रह की शांति पूजा
नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की आराधना की जाती है। इसीलिए नवग्रह पूजा में प्रतिपदा के दिन मंगल ग्रह की शांति पूजा करनी चाहिए।
दूसरे दिन करें राहु ग्रह की शांति का पाठ
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है। द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से राहु ग्रह की शांति होती है। इस दिन सप्तशती पाठ के साथ राहु की शांति के लिए इसके बीजमंत्र ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः’ मंत्र का प्रतिदिन एक माला जप करें।
तृतीय दिन करें चंद्र ग्रह की शांति का पाठ
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के स्वरूप चंद्रघंटा के स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन चंद्र ग्रह की शांति होती है। चंद्र ग्रह की शांति के लिए ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: मंत्र का जाप करें।
चौथे दिन करें केतु ग्रह की शांति का पाठ
शुक्र ग्रह की शांति के लिए नवरात्रि के दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन केतु ग्रह को शांति के लिए मंत्र जाप करें। ‘ॐ कें केतवे नम: मंत्र का जाप करने से केतु ग्रह के दोष से शांति मिलती है।
पांचवें दिन करें सूर्य ग्रह की शांति का पाठ
नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। पांचवें दिन सूर्य ग्रह की शांति के लिए ॐ घृणि: सूर्यादित्योम, ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री, ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:, ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
छठवें दिन करें बुध ग्रह की शांति का पाठ
नवरात्रि की षष्ठी को दुर्गा मां के छठवें स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस दिन बुध ग्रह की शांति के लिए पूजा करनी चाहिए। इस दिन बुध ग्रह के बीज मंत्र बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप करना चाहिए।
सप्तमी तिथि को करें शनि देव की शांति की पूजा
नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस दिन शनि ग्रह की शांति पूजा की जाती है। इस दिन शनि देव के मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का पूरे विधि विधान से जाप करें।
अष्टमी तिथि को करें गुरु ग्रह की शांति का पाठ
अष्टमी तिथि को महागौरी के स्वरूप की पूजा की जाती है। अष्टमी तिथि को गुरु ग्रह की शांति के लिए पूजा करना शुभ होता है। इस दिन ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
महानवमी को करें शुक्र ग्रह की शांति का पाठ
महानवमी के दिन देवी दुर्गा के नौवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन शुक्र ग्रह की पूजा कर शांति पाठ करने से शुक्र दोष दूर होता है। शुक्र दोष दूर करने के लिए ॐ शुं शुक्राय नम: मंत्र का जाप करें।
सुख-समृद्धि के उपाय: मान्यता है कि धन-संपन्नता के लिए नवरात्रि के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को काले तिला का दान करना चाहिए। ऐसा करने से मां दुर्गा के साथ लक्ष्मीजी भी प्रसन्न होती है और धन, सुख-संपन्नता का आशीर्वाद देती हैं।
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शारदीय नवरात्रि 2023 महत्व
शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। मां दुर्गा की विधिवत पूजा-पाठ और व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। घर का वातावरण शुद्ध होता है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति, धन-संपदा के साथ हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी और 16 अक्टूबर 2023 को प्रात: 12.03 मिनट पर समाप्त होगी.
कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 11.44 – दोपहर 12.30 (15 अक्टूबर 2023)
अवधि – 46 मिनट
चित्रा नक्षत्र – 14 अक्टूबर 2023, शाम 04.24 – 15 अक्टूबर 2023, शाम 06.13
वैधृति योग – 14 अक्टूबर 2023, सुबह 10.25 – 15 अक्टूबर 2023, सुबह 10.25
शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां (Shardiya Navratri 2023 Tithi)
दिनांक तिथियां
15 अक्टूबर 2023 (रविवार) मां शैलपुत्री, प्रतिपदा तिथि, घटस्थापना
16 अक्टूबर 2023 (सोमवार) मां ब्रह्मचारिणी, द्वितीया तिथि
17 अक्टूबर 2023 (मंगलावर) मां चंद्रघंटा, तृतीया तिथि
18 अक्टूबर 2023 (बुधवार) मां कुष्मांडा, चतुर्थी तिथि
19 अक्टूबर 2023 (गुरुवार) मां स्कंदमाता, पंचमी तिथि
20 अक्टूबर 2023 (शुक्रवार) मां कात्यायनी, षष्ठी तिथि
21 अक्टूबर 2023 (शनिवार) मां कालरात्रि, सप्तमी तिथि
22 अक्टूबर 2023 (रविवार) मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी, महा अष्टमी
23 अक्टूबर 2023 (सोमवार) मां सिद्धिदात्री, महा नवमी
24 अक्टूबर 2023 (मंगलावर) मां दुर्गा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)