– वाटर विजन@2047 राज्य मंत्रियों के प्रथम सम्मेलन का समापन
भोपाल (Bhopal)। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से मप्र की राजधानी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय राज्य के जल संसाधन मंत्रियों (water resources ministers) के प्रथम जल सम्मेलन वाटर विजन@2047 (First Water Conference Water Vision@2047) का शुक्रवार शाम को समापन हुआ। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भोपाल में आयोजित इस सम्मेलन में देश को पानी के लिए सहकारिता का नया मॉडल मिला है। इस सम्मेलन से जो सार निकलेगा, उसका सभी राज्यों को फायदा होगा। साथ ही दूसरे की अच्छी बातों को भी सभी राज्य आत्मसात करेंगे।
शेखावत ने कहा कि भोपाल का यह ऐतिहासिक भवन कई घटना, वक्तव्य और प्रस्तावों का गवाह रहा है। अब पानी के संरक्षण और भावी पीढ़ी के लिए जीवन पर आधारित इस सम्मेलन का भी गवाह यह भवन बना है। उन्होंने कार्यक्रम के संबंध में बताया कि शुरू से लेकर आज तक पूरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए मैं चौहान और पूरे मध्यप्रदेश का धन्यवाद देता हूँ।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि आज औद्योगीकरण, शहरीकरण और आर्थिक गतिविधियों के साथ आबादी की अधिकता से पानी की उपलब्धता कम हो रही है। इसके लिए सभी राज्यों को सहकारिता आधारित व्यवस्था के साथ काम करना होगा। देश की जनता को स्वच्छ पानी मिले और यह व्यवस्थाएँ आने वाली पीढ़ी को सौंपकर हम जाएं, यही हम सबकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि अब हमें भविष्य की आवश्यकता के अनुसार काम करना होगा। देश को भविष्य की जरूरत के अनुसार तैयार रहना होगा। तदर्श हालत में विकसित व्यवस्था काम नहीं कर सकती है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में व्यवस्था बदली है। अब राज्य को भी मजबूत किया गया। सबको साथ लेकर काम करने की प्रवृत्ति शुरू हुई है।
पानी को रिसायकल, री यूज करना ही आज की जरूरत
शेखावत ने बताया कि वेस्ट वाटर नहीं बोलना चाहिए। पानी कभी खराब नहीं होता है। पानी की हर बूंद का उपयोग करने के लिए सोचना चाहिए। इसके लिए वॉटर गवर्नेंस जरूरी हैं। पानी के मैनेजमेंट को देखना होगा। पानी की गुणवत्ता पर विचार करना चाहिए। जल व्यवस्था में री यूज और रिसाइकिल के काम होना चाहिए। आज के सम्मेलन का मूल उद्देश्य यही है।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को सहकारिता संगठन बनकर काम करने की जरूरत है। मध्यप्रदेश की मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के काम को कई राज्यों ने अपनाया है। आज टेक्नोलॉजी से पानी की गुणवत्ता और उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है। सभी राज्यों को जन-सहभागिता को बढ़ाकर ही पानी बचाने के मूल मंत्र को लेकर आगे बढ़ना होगा। पानी की उपयोगिता के लिए वाटर अथॉरिटी बॉडी बनाई जाना चहिए।
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि देश में पानी की उपलब्धता सदा बनी रहे, इसके लिए शोध किया जायेगा। पानी के व्यय को नियंत्रित करते हुए सभी को जागरूक करना होगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्चुअल संदेश से इस सम्मलेन का शुभारम्भ हुआ था। समापन सत्र में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, गोआ, पंजाब, असम आदि राज्यों के जल विभाग के मंत्री भी उपस्थित रहे। (एजेंसी, हि.स.)