Friday, November 22"खबर जो असर करे"

वन मेलाः क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में 34.50 करोड के व्यापार का हुआ अनुबंध

भोपाल। यहां लाल परेड मैदान पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय वन मेले (International Forest Fair) के 5वें दिन शनिवार को दोपहर में क्रेता-विक्रेता सम्मेलन (buyer-seller meet) में मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ (Madhya Pradesh Minor Forest Produce Association) और छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के मध्य 6 करोड़ रुपये का व्यवसायिक अनुबंध (6 crore commercial contract) हुआ। छतीसगढ़ वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एसएस बजाज और विन्ध हर्बल्स की ओर से एमपीएमएफपी के सीईओ डॉ. दिलीप कुमार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

सम्मेलन में बस्तर फूड छतीसगढ़ से महुआ एक्सपोर्ट के लिये एमओयू हुआ। इस अनुबंध के बाद मध्यप्रदेश का फूड ग्रेड 200 मीट्रिक टन महुआ के क्षेत्र में नई क्रांति आने की उम्मीद जगेगी। इसके साथ 28 करोड़ 50 लाख रुपये के एमएफपीपीएआरसी और विभिन्न संस्थाओं के बीच व्यापारिक अनुबंध भी किए गए। इससे आने वाले समय में जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में शामिल प्राथमिक संग्राहक और उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि में मददगार साबित होंगे।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन सेवा निवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्हीआर खरे के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इसमें प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से 140 सहभागी ने प्रत्यक्ष रूप से और 300 प्रतिभागी वीडियो कॉन्फ्रेंस से संवाद किया गया।

32 जिलों में 4491 करोड़ का व्यापार
राज्य लघु वनोपज संघ के सीईओ डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि मध्यप्रदेश के 32 जिलों में 4491 करोड़ रुपये से ज्यादा का लघु वनोपज का व्यापार होता है। इसमें केवल महुआ का व्यापार 981 करोड़ रुपये का है। भूतपूर्व वन बल प्रमुख राम प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के छिन्दवाड़ा और सिवनी की चिरौंजी की सम्पूर्ण विश्व में मांग है। यह सबसे महंगा सूखा मेवा है।

राज्य लघु वनोपज के अपर प्रबंध संचालक भागवत सिंह ने संघ की विभिन गतिविधियों को साझा की। उन्होंने बताया कि संघ वन धन केन्द्रों के विकास, लघु वन उपज के व्यापार एवं संग्रहण के साथ प्रतिवर्ष 10 हजार हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण कराता है। छत्तीसगढ़ लघु वन उपज संघ के एसएस बजाज ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिक संस्था मैसूर के साथ मिल कर महुआ से गुड़ बनाने पर अनुसंधान कर रहा है।

मेले में पहुँचे 32 हजार लोग
अंतरराष्ट्रीय वन मेला जैसे-जैसे समापन की ओर है, यहाँ लोगों की उपस्थिति बढ़ रही है। मेले के 5वें दिन शनिवार को 32 हजार लोगों ने मेले का आनंद लिया। विभिन्न स्टालों पर लोगों की भीड़ देख कर स्टॉल संचालकों का उत्साह भी बढ़ रहा है। कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा बनाए व्यंजनों का स्वाद लोगों का आकर्षण बढ़ा रहा है।

मेले में पिछले 5 दिन में 1 करोड़ 27 लाख रुपये के वनोपज हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है। स्थापित ओपीडी में 760 आगुंतकों ने आयुर्वेद चिकित्सक और अनुभवी वैद्यों से नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श लिया।

सांस्कृतिक गतिविधियाँ
मेला प्रांगण में सोलो और ग्रुप नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति में बच्चों ने सभी का मन को मोह लिया। एकल और सामूहिक नृत्य प्रस्तुति में 20 विद्यालयों के 146 छात्र-छात्राओं ने अदभुत कला का प्रदर्शन किया। एम.एम. म्यूजिकल ग्रुप की आर्केस्ट्रा और दुलैया कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई। (एजेंसी, हि.स.)