पिछले साल 2022 में इस वैक्सीन का परीक्षण हो चुका है। इसके शानदार नतीजे से कंपनी खुश है। इस वैक्सीन ने न केवल श्रमिक मक्खियों और रानी मक्खी को ‘अमेरिकन फाउल ब्रूड’ से मरने से बचाया, बल्कि इसने रानी मक्खी के अंडाशय में काम करके अगली पीढ़ी को प्रतिरक्षा भी प्रदान की। दरअसल ‘अमेरिकन फाउल ब्रूड’ मधुमक्खियों में बैक्टीरिया के जरिए फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी का रोगाणु मधुमक्खी का लार्वा है। यह एक ही जगह पर रहता और पनपता है। एक बार छत्ते में संक्रमण फैल जाए तो इससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है।
अब इस बैक्टीरिया से निजात पाने का एक ही प्रभावी तरीका रहा है कि मधुमक्खियों सहित पूरे छत्ते को जला दिया जाए। अगर यह छत्ता पूरी तरह से नहीं जल पाया तो ये बैक्टीरिया 70 या उससे भी ज्यादा साल तक कायम रह सकता है। अमेरिकी कृषि विभाग ने डालान की वैक्सीन को दो साल के लिए सशर्त लाइसेंस देने की घोषणा की है। अगले दो साल डालान सीमित मात्रा में वैक्सीन का वितरण करेगा। इसके बाद अगर सब ठीक रहा तो सभी मधुमक्खी पालकों को यह वैक्सीन उपलब्ध होगी।
महत्वपूर्ण यह है कि आधुनिक दुनिया में मधुमक्खियों की आबादी में वैश्विक गिरावट गंभीर मुद्दा है। अकेले अमेरिका में गहन कृषि तकनीक, हानिकारक कीटनाशकों, जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों के कारण 1962 के बाद से मधुमक्खियों की आबादी में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसका असर खाद्य शृंखला पर पड़ा है। (हि.स.)