Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

सट्टेबाजी की जंग को साम्प्रदायिकता का रंग देने की असफल कोशिश

मुरैना। मुरैना शहर के इस्लामपुरा क्षेत्र में संचालित सट्टा कारोबार पर कब्जा करने के लिये दो सटोरिये आमने-सामने आ गये। इन दोनों की जंग ने दो दिवस के दौरान क्षेत्र में भय व आतंक का वातावरण पैदा कर दिया। इसके साथ ही सटोरियों ने आपराधिक घटनाओं को साम्प्रदायिकता का रंग देने की असफल कोशिश की।

मुरैना पुलिस के लिये यह गंभीर मामला है। इन सटोरियों पर अंकुश नहीं लगा तो भविष्य में कभी भी यह मुरैना शहर को साम्प्रदायक आग में झोंक सकते हैं। क्षेत्रवासी भी दबी जुवान से स्वीकार करते है कि गुन्ना उर्फ निरोज खान तथा मुन्ना राठौर एक साथ ही सट्टे के कारोबार को करते थे। इन दोनों का आपराधिक रिकार्ड भी सट्टा कारोबार के साथ-साथ मारपीट, अवैध हथियार रखकर दबंगई प्रदर्शित करने का है। वर्तमान में सट्टा के बढ़ते कारोबार पर दोनों कब्जा करने के लिये मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। सट्टे से हो रही अत्यधिक आय के कारण बेखौफ सटोरियों ने शहर के एक तिहाई हिस्से में आतंक का राज कायम कर दिया है। इस्लामपुरा में विगत दिवस हुई बलवा व गोलीबारी इसी आतंक का एक हिस्सा है। इस घटना को साम्प्रदायिकता का रंग देने की भरपूर कोशिश की गई, जिससे दोनों सफल नहीं हुए। दो दिन पहले मुन्ना राठौर अपने सहयोगियों के साथ गुन्ना उर्फ निरोज खान के यहां पैसे मांगने गया था। यहां हुये विवाद में मुन्ना राठौर व उसके सहयोगियों की मारपीट कर दी गई। दूसरे दिवस गुन्ना उर्फ निरोज के परिजन अनीष खान की जमकर मारपीट की गई। इसे लेकर दिनभर आतंक का कहर बरपाने की योजना बनी। दोनों समुदायों द्वारा दिनभर इसकी भरपूर तैयारियां की गई। एक पक्ष ने जहां हथियारबंद लोगों को एकत्रित किया।

वहीं दूसरे पक्ष ने धारदार हथियारों के साथ अपने मकानों की छतों पर ईंट-पत्थर एकत्रित कर लिये। अंधेरा होने के बाद दर्जनों हथियारबंद नकावपोशों ने जैसे ही गोलियां चलाना शुरू की इसी दौरान उस क्षेत्र की बिजली बंद हो गई। अंधेरे में अपराधियों ने अपने आतंक को खुलकर अंजाम दिया। एक तरफ से जहां ताबड़तोड़ गोलियां चलीं तो दूसरी तरफ से एक घंटे तक घरों की छतों से ओलों की तरह पथराव होता रहा। मारपीट की घटना एक सामान्य हो सकती है, लेकिन गोलीबारी पथराव के दौरान क्षेत्र में धार्मिक नारेबाजी कर अपने=अपने सामुदाय को घटना से जोडऩे का प्रयाग अतिगंभीर दिखा। गनीमत यह रही कि दोनों पक्षों का एक भी व्यक्ति गंभीर घायल नहीं हुआ। सट्टे का कारोबार करने वाले गुन्ना उर्फ निरोज खान पर 2017 से अधिक तक 5 वर्ष के दौरान 12 मामले सिटी कोतवाली पुलिस मुरैना द्वारा दर्ज किये गये हैं। विगत वर्ष गुन्ना उर्फ निरोज का जिलाबदर भी किया गया था। इसी तरह मुन्ना राठौर पर सिटी कोतवाली पुलिस ने सट्टा व आम्र्स अधिनियम, मारपीट के 15 मामले 13-14 वर्ष में दर्ज किये हैं। यह आपराधिक रिकार्ड अपने आप में इनके बड़े सट्टा कारोबारी होने की कहानी बता रहे हैं।