– मुकुंद
‘इतिहास खुद को दोहराता है।’ जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार और राजनीतिक सिद्धांतकार कार्ल्स मार्क्स का यह ‘कथन’ आज बिलकुल सच हो गया है। कार्ल्स मार्क्स ने कहा था-‘इतिहास खुद को दोहराता है। पहले एक त्रासदी की तरह। दूसरा एक मजाक की तरह।’ 1947 में अंग्रेजों से भारत की आजादी पर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टल चर्चिल को शायद यह कथन’ याद होता तो शायद वह यह टिप्पणी नहीं करते। उन्होंने तीखी टिप्पणी की थी। चर्चिल ने कहा था- ‘भारत के नेता कम क्षमता वाले होंगे।’ इतिहास का चक्र देखिए। भारत की आजादी के 75वें साल के अमृतकाल में आज चर्चिल के ब्रिटेन की बागड़ोर भारतीय मूल के ऋषि सुनक संभालने जा रहे हैं। चर्चिल यह देखने के लिए तो मौजूद नहीं हैं पर भारतीय इतिहास का सूरज उनकी टिप्पणी को गलत साबित करने का साक्षी बनने को तैयार है। 10 डाउनिंग स्ट्रीट भारतवंशी के स्वागत के लिए पलक-पांवड़े बिछाकर इंतजार कर रहा है। सनद रहे 10 डाउनिंग स्ट्रीट को दुनिया ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के रूप में जानती है।
इंफोसिस के सह संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने ऋषि सुनक को बधाई दी है। नारायण मूर्ति ने कहा- ‘हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं।’ सुनक कोई और नहीं नारायण मूर्ति के दामाद हैं। ऋषि सुनक को दीपावली की शाम निर्विरोध कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुना गया है। ब्रिटेन के इस राजनीतिक घटनाक्रम ने भारत की दीवाली को और खुशगवार कर दिया। यहां यह जानना जरूरी है कि भारतवंशियों ने सारी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। चाहे मॉरीशस हो गुयाना। आयरलैंड हो या पुर्तगाल। या फिजी। भारतीय मूल के लोग इन जैसे कई देशों के या तो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति रह चुके हैं। यह भी बेहद काबिलेगौर है कि दुनिया में भारत के अलावा कोई ऐसा देश नहीं है जिसके मूल के लोग 30 से अधिक देशों पर या तो राज करते हैं या कर चुके हैं।
इस कड़ी में नया नाम है 42 वर्षीय ऋषि सुनक का। सुनक को ब्रेग्जिट का समर्थक माना जाता है। यूरोपीय संघ के कई नेताओं ने इस बात पर राहत की सांस ली है कि प्रधानमंत्री पद की शपथ सुनक ले रहे हैं न कि बोरिस जॉनसन। ऋषि को सुलझा हुआ राजनेता माना जाता है। यह भी दिलचस्प है कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के 210 वर्ष के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री होंगे। वह बोरिस जॉनसन की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि इस कुर्सी पर पहली बार कोई हिंदू बैठेगा। सुनक की पत्नी अक्षता भारतीय नागरिक हैं। साउथैम्पटन में जन्मे सुनक की दो बेटियां अनुष्का और कृष्णा हैं।
दीपावली की ढलती शाम ऋषि सुनक का भाषण भारत में सबसे ज्यादा सुना गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी। मोदी ने कहा- ‘ आपके साथ मैं मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने पर मैं आपके साथ वैश्विक मुद्दों पर काम करने के साथ ही रोडमैप 2030 को अमल में लाना चाहूंगा। अब जब हम अपने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक साझेदारी में बदल रहे हैं तो इस मौके पर ब्रितानी भारतीयों को दीवाली की विशेष शुभकामनाएं।’ उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन और भारत ने व्यापार से लेकर निवेश और तकनीकी साझेदारी से जुड़े मुद्दों पर ‘रोडमैप 2030’ के नाम से एक समझौता किया है।
ऋषि ने 2015 में सिर्फ 35 साल की उम्र में पहला चुनाव जीता था। सात साल बाद वो प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। सुनक ने दो साल पहले 2020 में दीवाली पर डाउनिंग स्ट्रीट पर दीया जलाया था। तब वह चांसलर थे। इस साल अगस्त में उन्होंने हर्टफोर्डशायर में इस्कॉन के भक्तिवेदांत मनोर में गौ पूजा भी की थी। सुनक को बधाई देने वालों में अभिनेता अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं। अमिताभ ने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट कर कैप्शन में लिखा है, जय भारत…। अब ब्रिटेन के पास अपनी मातृभूमि से प्रधानमंत्री के रूप में एक नया वायसराय है। सुनक को सारी दुनिया बधाई दे रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऋषि सुनक की तारीफ के पुल बांधे हैं। बाइडन ने व्हाइट हाउस में आयोजित दीपावली उत्सव में कहा- ‘हमें खबर मिली है कि ऋषि सुनक अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री होंगे। उनका प्रधानमंत्री बनना बहुत आश्चर्यजनक और एक मील का पत्थर जैसा है।’ अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है- ‘सुनक की जीत गोरे लोगों से अलग रंग वाले लोगों और महिलाओं का ऊंचे पदों पर पहुंचने के इतिहास में एक अन्य अहम पड़ाव है।’ वाशिंगटन पोस्ट ने तो यहां तक लिखा है-‘ये इतिहास में पहला मौका है कि ब्रितानी प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट में रहने वाले बकिंघम पैलेस से ज्यादा समृद्ध है।’
10 डाउनिंग स्ट्रीट लंदन के सिटी ऑफ वेस्ट्मिन्स्टर में स्थित है। अब इसी भवन में ऋषि रहेंगे। इस भवन में 100 से अधिक कमरे हैं। ऋषि सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर पहुंचने के लिए अपने माता-पिता को याद को याद करना नहीं भूलते। वो अपनी वेबसाइट www.rishisunak.com में लिखते हैं- ‘मेरे माता-पिता ने बहुत त्याग किया ताकि मैं अच्छे स्कूलों में जा सकूं। मैं भाग्यशाली था कि मुझे विनचेस्टर कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौका मिला। ऋषि सेल्फ मेड हैं।’ वो अपनी वेबसाइट में कहते हैं- ‘मैं एक सफल व्यावसायिक करियर का आनंद लेने के लिए भाग्यशाली रहा हूं। मैंने एक बड़ी निवेश फर्म की सह स्थापना की। वह सिलिकॉन वैली से लेकर बेंगलुरु तक की कंपनियों के साथ काम कर रही है।’ बहरहाल अब इंतजार है इस वेबसाइट पर परिचय के रूप में यह दर्ज होने का ‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक’।