लंदन। स्कूलों में बच्चों के मोबाइल फोन के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए ब्रिटेन सरकार ने निर्देश दिए हैं। इस संबंध में अधिकारियों को विद्यार्थियों के व्यवहार, ध्यान को बेहतर बनाने, सीखने में व्यवधान को रोकने और चिंता से बचाने के निर्देश दिए गए हैं।
ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय ने इस आशय के दिशा-निर्देश प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और स्कूल स्टाफ के लिए जारी किया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है, ”हम इस बात के लिए दृढ़ हैं कि सभी स्कूलों में पूरी तरह बच्चों के मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगना चाहिए। यह प्रतिबंध न केवल कक्षाओं के दौरान बल्कि ब्रेक और दोपहर के भोजन के समय भी लागू होना चाहिए।”
शिक्षा सचिव गिलियन कीगन ने कहा कि ऐसे दिशा-निर्देश जारी करने से पहले प्रधानाध्यापकों से विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि ऑफकॉम डेटा कहता है कि 97 प्रतिशत बच्चों के पास 12 साल की उम्र से एक स्मार्टफोन होता है। इससे बच्चों का ध्यान भटकता है। वह गलत दिशा की ओर प्रेरित होते हैं। इस संबंध में मौत की घाट उतारी जा चुकी किशोरी ब्रायना की मां एस्थर ने कहा है कि यह अच्छा कदम है। 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया तक पहुंचने से भी रोका जाए। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के हत्यारों ने जघन्य वारदात को अंजाम देने से पहले हिंसक सामग्री देखी थी।
सरकार के इस कदम पर एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर्स के महासचिव ज्योफ बार्टन ने कहा कि कुछ बच्चे मोबाइल फोन पर जितना समय बिताते हैं, वह चिंता का विषय है। राष्ट्रीय शिक्षा संघ के महासचिव डैनियल केबेडे ने कहा है कि चूंकि अधिकांश स्कूलों में मोबाइल फोन के उपयोग की समस्याओं से निपटने के लिए पहले से ही नीतियां मौजूद हैं, इसलिए इस मार्गदर्शन से बहुत कम फर्क पड़ेगा।
एससेक्स के दो स्कूलों के कार्यकारी प्रिंसिपल विक गोडार्ड ने कहा है कि हाल ही में फोन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का हमारा परिणाम परिवर्तनकारी रहा। सकारात्मक के साथ माता-पिता और छात्रों की प्रतिक्रिया मिली। सरकार के नए दिशा-निर्देश ऐसे प्रयासों को और अधिक बल मिलेगा। (हि.स.)