– श्रावण के पहले सोमवार मनमहेश स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकले भगवान महाकाल, जाना प्रजा का हाल
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले सोमवार को पहली सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान भगवान महाकाल ने श्रद्धालुओं को मनमहेश स्वरूप में दर्शन दिए। मान्यता है कि वर्षा काल में सृष्टि का संचालन करने वाले सभी देवता शयन काल में चले जाते हैं, जबकि बाबा महाकाल सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में सवार मास में प्रजा का हाल जानने निकलते हैं।
सवारी के निकलने के पूर्व शाम करीब चार बजे महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन किया और आरती की। पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। सर्वप्रथम भगवान महाकालेश्वर का षोड़शोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देश पर मंत्री सिलावट बाबा महाकाल की सवारी में सम्मिलित हुए थे।
इस अवसर पर हितानंद शर्मा, विधायकगण जितेन्द्र पंड्या व महेश परमार, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संभागायुक्त संजय गुप्ता, आईजी संतोष कुमार सिंह, डीआईजी नवनीत भसीन, महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, प्रशासक मृणाल मीना, विशाल राजौरिया, बहादुर सिंह बोरमुंडला सहित अन्य अधिकारी तथा गणमान्य नागरिकों ने भी बाबा महाकाल के मुखारविंद का पूजन किया।
इसके बाद अवंतिकानाथ भगवान मनमहेश के रूप में पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार भगवान मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों की संख्या में दर्शनार्थियों ने पालकी में विराजित मनमहेश भगवान के भक्तिभाव से दर्शन लाभ लिये।
जनजातीय कलाकारों ने बिखेरी कला संस्कृति की छटा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारी में जनजातीय कलाकारों के दल ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। धार जिले के जनजातीय कलाकारों ने अजय सिसौदिया के नेतृत्व में भील भगोरिया नृत्य के माध्यम से श्रद्धालुओं का मन मोहा। जनजातीय कलाकारों द्वारा ढोलकिया, पिप्री, मांदल आदि वाद्ययंत्रों के साथ आकर्षक नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। सवारी में भस्मरमैया भक्त मण्डल, जय महाकाल भक्त मण्डल, भस्म आरती भक्त मण्डल उज्जैन, महाकाल शयन आरती भक्त मण्डल, चैतन्य भैरव सांस्कृतिक भजन मण्डली, हिन्दू सेना भक्त मण्डल, वीर तेजाजी भजन मण्डल नीलगंगा, जय महाकाल रामायण प्रचार झांझ मण्डली एवं नागचंद्रेश्वर भक्त मण्डल द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियों से श्रद्धालु झूम उठे।
“आ रही पालकी, जय श्री महाकाल” के जयकारों के साथ सम्पूर्ण नगरी हुई शिवमय
“आ रही पालकी, जय श्री महाकाल की” के जयकारों के साथ श्रावण के पहले सोमवार पर भगवान की सवारी के दौरान पूरी उज्जैन नगरी शिवमय हो गई। महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ उत्साहपूर्वक चले। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी, होते हुए रामघाट पहुंची। रामघाट से पुन: सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई महाकालेश्वर मन्दिर में वापस पहुंची। सवारी के आगे-आगे घुड़सवार, पुलिस बल, विभिन्न भजन मण्डलियां आदि भगवान भोलेनाथ के गुणगान एवं भजन-कीर्तन करते हुए साथ चल रहे थे।
रामघाट पर हुआ भगवान महाकाल का जलाभिषेक
भगवान महाकालेश्वर की श्रावण की पहली सवारी महाकाल मंदिर से प्रस्थान कर जैसे ही रामघाट पहुँची, चारों ओर श्रद्धा और उल्लास का वातावरण छा गया। श्रावण में अपने सौन्दर्य की छटा बिखेरते हुए स्वयं प्रकृति भगवान महाकाल का स्वागत करने के लिए आतुर थी। भगवान महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पुजारी आशीष गुरु आदि द्वारा किया गया। भगवान महाकालेश्वर मनमहेश के स्वरुप में अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए शिप्रा तट पर पहुँचे। इसके पश्चात मां शिप्रा नदी के जल से भगवान का जलाभिषेक किया गया। पूजन के पश्चात पुरोहितों द्वारा रुद्रपाठ किया गया। जलाभिषेक के दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक जितेन्द्र पंड्या व महेश परमार, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर रामघाट पर राज्यसभा सदस्य बालयोगी उमेशनाथ महाराज, संभागायुक्त, आईजी, डीआईजी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सवारी 29 जुलाई सोमवार को निकलेगी।
चलित रथ के माध्यम से श्रद्धालुओं ने किये दर्शन
बाबा महाकाल की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई, जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाईव प्रसारण किया गया। जिससे श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन लाभ लिये।
प्रशासन द्वारा किये गये सभी आवश्यक प्रबंध
बाबा महाकाल की सवारी के गरिमामय आयोजन के साथ श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के लिये जिला प्रशासन उज्जैन द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध किये गये। संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा द्वारा व्यवस्थाओं की सतत निगरानी की गई। पुलिस प्रशासन के दो हजार से अधिक बल और वॉलेंटियर्स द्वारा व्यवस्थाओं को संभाला। ड्रोन के माध्यम से सवारी मार्ग की निगरानी की गई। आवश्यक व्यवस्थाओं और समन्वय में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिस बल एवं कंट्रोल रूम में नियुक्त अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा सक्रिय भूमिका निभाई गई। सवारी के सुव्यवस्थित संचालन के लिये सवारी मार्ग पर मजबूत टू-लेअर बेरिकेडिंग की गई। श्रद्धालुओं के लिये सवारी मार्ग पर पेयजल की भी उत्तम व्यवस्था रही।
सवारी मार्ग की प्रमुख झलकियां
– सवारी मार्ग पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल पर पुष्पवर्षा कर दर्शन लाभ लिये, सवारी मार्ग पर चहुंओर दर्शन के लिये भारी संख्या में जन-समूह उपस्थित रहा।
– सवारी मार्ग पर जगह-जगह आकर्षक रंगोली बनाकर बाबा महाकाल की सवारी का स्वागत किया गया।
– कई भक्तों ने आकर्षक स्वरूप धारण कर सवारी को शोभायमान किया।
– भजन मण्डलियों में सैंकड़ों महिलाओं ने शिव स्तुतियां की। बच्चे उत्साहपूर्वक डमरू और मजीरे बजाते हुए सवारी में आगे-आगे चले।
– विशाल ध्वज के साथ बाबा महाकाल की पालकी निकाली गई।