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फैमिली कोर्ट में हाजिर हुए उदित नारायण, समझौते से इनकार; पत्नी बोली….

मुंबई। पहली पत्नी की ओर से दायर एक मामले में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक उदित नारायण झा शुक्रवार को सुपौल फैमिली कोर्ट में पेश हुए। उदित नारायण की इस मामले में यह पहली व्यक्तिगत उपस्थिति थी। इससे पहले वो कई सुनवाई में गैर हाजिर रहे थे। इस वजह से कोर्ट ने उन पर 10 रुपए का जुर्माना भी लगाया था। फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश राहुल उपाध्याय ने उदित नारायण को 28 जनवरी 2025 तक जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था। कोर्ट ने शुक्रवार को रंजना झा और उदित नारायण को सामने रख कर दोनों पक्षों की काउंसिलिंग की। सुनवाई के दौरान उदित नारायण ने कोर्ट से अनुरोध किया कि भविष्य में वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होना चाहते हैं। कोर्ट में पेशी के बाद रंजना झा ने बताया कि कोर्ट में उदित नारायण ने समझौते से इनकार कर केस लड़ने की बात कही है।

कोर्ट में दायर अपने जवाब में उदित नारायण ने कहा है कि कोर्ट में दायर वाद में आवेदिका द्वारा सही तथ्यों को छुपाया गया है। बिहार राज्य महिला आयोग, पटना के समक्ष दर्ज मामले में दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया था। महिला आयोग ने 4 जुलाई 2013 को आवेदन को खारिज कर दिया था। महिला आयोग ने पाया था कि विपक्षी आवेदक को हर महीने 15 हजार रुपए का भुगतान कर रहा है। जनवरी 2021 से यह राशि बढ़ा कर 25 हजार रुपये प्रति माह कर दी गई। विपक्षी आज तक इसका भुगतान कर रहा है। इसके अलावे एक करोड़ रुपये का आवासीय घर दिया गया है।

साथ ही एक कृषि भूमि जिसमें एक कमरा भी है। कमरा आवेदिका ने किराए पर दिया है और उसे 6 हजार रुपये प्रति माह से अधिक किराया मिल रहा है। आयोग ने आगे पाया कि आवेदिका ने विपक्षी से 25 लाख रुपये के आभूषण लिये हैं। विपक्षी ने आवेदिका को एक जमीन भी दी है जिसे उसने बेच दी है। विपक्षी ने पटना में एक फ्लैट खरीदा है लेकिन जमीन मालिक और बिल्डर के बीच विवाद के कारण कब्जे में देरी हो रही है। जवाब में कहा गया है कि आवेदिका ने विपक्षी से धन ऐंठने के लिए ही वर्तमान मामला दायर किया है।
उदित ने रंजना को साथ रखने से किया इंकार
वादी रंजना नारायण झा के अधिवक्ता अजय कुमार ने बताया कि उनकी मुवक्किल ने कोर्ट में कहा कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती हैं। उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब उनके साथ जीवन बिताने की इच्छा रखती हैं। कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच समझौता का प्रयास किया लेकिन पहली पत्नी को रखने के बात पर उदित नारायण सीधे मुकर गए। उन्होंने कहा कि वह रंजना झा को नहीं रखेंगे। अब कोर्ट मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।
मीडिया से बचते नज़र आए उदित नारायण
कोर्ट परिसर में सुनवाई के बाद निकले उदित नारायण मीडिया से बचते नज़र आए। कोर्ट रूम उनके करीबी लोगों ने चारों ओर से घेर कर उन्हें कार तक पहुंचाया। कार के पास जब मीडियाकर्मी पहुंचे तो वहां भी फोटो लेने से रोका गया। कार के अंदर से जब उनकी नजर मीडियाकर्मियों पर पड़ी तो उन्होंने हाथ से अपना चेहरा ढंक लिया।
पत्नी ने उदित पर दायर किया है मेंटेनेंस का वाद
रंजना के वकील अजय कुमार ने बताया कि उनकी मुवक्किल रंजना झा का कहना है कि 7 दिसंबर 1984 को उनकी उदित नारायण से शादी हुई थी। साल 1988 में उदित नारायण फेमस हुए और प्रसिद्धी मिली। इसके बाद से ही उदित नारायण ने बाद में रंजना को अपनी पत्नी मानने से इंकार कर दिया, जिससे यह विवाद बढ़ता गया। तब रंजना ने 2006 में महिला आयोग से शिकायत की। 28 जुलाई 2006 को पटना स्थित आयोग कार्यालय में उपस्थित होकर उदित ने पटना में फ्लैट सहित अन्य मदद देने का वादा किया था।

जिसके बाद में वो अपनी बातों से मुकर गए। रंजना ने उदित से मेंटेनेंस की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में मामला दर्ज किया। कोर्ट के बाहर रंजना झा ने कहा, उदित नारायण ने ना केवल मुझे अनदेखा किया, बल्कि नेपाल स्थित उनकी जमीन का 18 लाख रुपये भी अपने पास रख लिया। मैं सिर्फ अपने अधिकारों के लिए लड़ रही हूं। रंजना नारायण झा ने यह भी आरोप लगाया कि जब वो मुंबई में उदित नारायण से मिलने जाती हैं, तो उनके पीछे गुंडे लगा दिए जाते हैं। रंजना का दावा है कि शादी के बाद भी उन्हें पत्नी का दर्जा नहीं मिला और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा गया।