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बीस वर्षों में भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश को बनाया बेमिसाल राज्यः अमित शाह

– केंद्रीय गृहमंत्री ने लांच किया प्रदेश सरकार का 2003-2023 गरीब कल्याण रिपोर्ट कार्ड

भोपाल (Bhopal)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के बाद से 2003 तक ज्यादातर समय कांग्रेस की ही सरकारें रही हैं। इन सरकारों ने प्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया। इसका मतलब था मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल था, जो देश के विकास में बाधक थे। 2003 में प्रदेश में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। बाद में बाबूलाल गौर और शिवराजसिंह चौहान ने उस सरकार का नेतृत्व किया। भाजपा की सरकार ने प्रदेश को 20 सालों में बीमारू से बेमिसाल राज्य बनाया, बंटाढार से बुलंदियों पर पहुंचाया, पिछड़े से अग्रणी बनाया, समृद्ध और खुशहाल राज्य बनाया।

केंद्रीय मंत्री शाह ने यह बातें रविवार को भोपाल में भाजपा सरकार के 20 वर्षों के गरीब कल्याण रिपोर्ट कॉर्ड को जारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मि. बंटाढार और कमलनाथ इस बात का जवाब दें कि 53 सालों में उनकी सरकारों ने प्रदेश के लिए क्या किया? क्यों प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया? क्यों मध्य प्रदेश का काफिला लूटा?

शाह ने कहा कि 2003 से पहले मध्य प्रदेश बीमारू राज्य हुआ करता था। 2003 में आई भाजपा की सरकार ने प्रदेश को बीमारू राज्य के कलंक से मुक्ति दिलाई। 2003 से 2023 तक के 20 साल प्रदेश में गरीबी से मुक्ति का स्वर्णकाल रहे हैं और इन सालों में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की नींव डाली गई। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनी और उन्होंने मध्य प्रदेश की दिल खोलकर मदद की। डबल इंजन वाली सरकार ने प्रदेश में विकास के नए प्रतिमान गढ़े। इसका प्रति उत्तर देते हुए प्रदेश की जनता ने भी दिल खोलकर वोट दिये।

उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने 60 करोड़ गरीबों का जीवन स्तर ऊपर उठाया। 14 करोड़ लोग गरीबी की सीमा रेखा से बाहर हुए। लगभग 10 सालों में देश की आबादी 10 प्रतिशत लोगों को गरीबी रेखा से बाहर करके मोदी गरीब कल्याण के पुरोधा बन गए और उनकी योजनाओं का लाभ मध्यप्रदेश को भी मिला। बंटाढार सरकार ने राज्य के बजट को 23000 करोड़ पर छोड़ दिया था, जिसे शिवराज सरकार ने 3.14 लाख करोड़ तक पहुंचाया। बंटाढार के समय शिक्षा का बजट 2456 करोड़ था, जिसे 38000 करोड़ तक पहुंचाया। मि. बंटाढार और कमलनाथ को यह बताना चाहिए कि प्रदेश की आबादी का बड़ा हिस्सा एससी, एसटी और ओबीसी का है, इनके बजट को क्यों 1056 करोड़ पर छोड़ दिया था? भाजपा सरकार ने इसे 64390 करोड़ तक पहुंचाया। प्रति व्यक्ति आय 11700 से बढ़कर 1.40 लाख रुपये हो गई। बंटाढार सरकार के समय प्रदेश की सड़कें बदनाम थीं, भाजपा की सरकार ने 5.10 लाख किमी अच्छी क्वालिटी की सड़कें बनाईं और राष्ट्रीय राजमार्ग जो सिर्फ 4800 किलोमीटर थे, उन्हें 13000 किलोमीटर तक पहुंचाया।

कांग्रेस में हिम्मत है तो 53 सालों का रिकॉर्ड दे
अमित शाह ने कहा कि भाजपा ने जवाबदेही की एक नई परंपरा शुरू की है, जिसके अंतर्गत हर सरकार अपने कार्यकाल में किए गए कामों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। हमने अपना रिपोर्ट कॉर्ड प्रस्तुत किया है और गलत आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने वाली कांग्रेस को इस रिपोर्ट कॉर्ड का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस ने प्रदेश की जनता के साथ जो अन्याय किया है, उसका जवाब देना चाहिए और अगर उसमें हिम्मत है, तो अपने 53 सालों के शासन का रिपोर्ट कॉर्ड प्रस्तुत करे। मध्य प्रदेश में 15 महीनों के लिए कमलनाथ की सरकार बनी थी, जिन्हें करप्शननाथ कहा जाता है। बंटाढार और कमलनाथ की उस सरकार ने भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई गरीब कल्याण की सारी योजनाएं बंद कर दीं थी और गरीब कल्याण अभियान को अपाहिज बना दिया था। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देते समय कोई मुख्यमंत्री काम नहीं करता, लेकिन करप्शननाथ ने अपने इस्तीफे से 15 मिनट पहले मोबाइल घोटाले से संबंधित दस्तावेजों पर साइन किए। करप्शननाथ ने 600 करोड़ का इफ्को घोटाला, कर्जमाफी में 25000 करोड़ का हेरफेर किया। कमलनाथ को अपनी सरकार के डेढ़ सालों में हुए घोटालों का जवाब देना चाहिए।

जनता तय करे, वह घोटालों के साथ है या विकास के साथ
शाह ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का बीड़ा उठाया। देश को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था, पांच ट्रिलियन इकॉनॉमी और आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया। आज भारत क्लाइमेट चेंज और आतंकवाद पर जीरो टालरेंस के मामले में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। 14 देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। भारत आज डिजिटल लेनदेन, एलईडी वल्ब के वितरण, स्वच्छता, टीकाकरण तथा दाल, दलहन, दूध,जूट और रेल इंजन के उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर है। दूसरी तरफ कांग्रेस अपने शासन में सिर्फ घोटाले करती रही। अब यह मध्य प्रदेश की जनता को तय करना है कि वह विकास के साथ है या घोटालों के साथ। अगर वो विकास के साथ है, तो उसे 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपना समर्थन देना है।