नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने गुरुवार को मोबाइल सेवाओं के लिए तीन नये स्पेक्ट्रम बैंड 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज की नीलामी पर विभिन्न पक्षों से सुझाव मांगे हैं। नियामक ने इसमें मूल्य निर्धारण, वैधता और इन रेडियो तरंगों की भुगतान शर्तों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया है।
दूरसंचार नियामक ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में बताया कि इंटरनेशनल मोबाइल टेलिफोनी (आईएमटी) के लिए पहचाने गए 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी पर परामर्श पत्र जारी किया गया है। ट्राई ने उद्योग जगत से परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दों पर दो मई, 2024 तक लिखित सुझाव और 16 मई, 2024 तक जवाबी टिप्पणियां देने को कहा है।
ट्राई ने परामर्श पत्र में इन नए बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी की विभिन्न बारीकियों पर उद्योग की राय मांगी है। इसमें मूल्य निर्धारण, वैधता, पसंदीदा ब्लॉक आकार, स्पेक्ट्रम सीमा, क्रियान्वयन दायित्व और अन्य नियम तथा शर्तें शामिल हैं। यह प्रस्ताव भविष्य में 5-जी सेवाओं के लिए 4,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराएगा।
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार विभाग (डॉट) ने स्पेक्ट्रम नीलामी को 17 दिनों के लिए 6 जून, 2024 तक के लिए टाल दिया है। पहले यह तारीख 20 मई निर्धारित थी, जिसे बदलकर 6 जून कर दिया गया है। अब मॉक नीलामी 13 और 14 मई के बजाय 3 जून, 2024 को होगी। केंद्र सरकार मोबाइल फोन सेवाओं के लिए लगभग 96317 करोड़ रुपये के आधार मूल्य पर आठ स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी करेगी।