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व्यापारियों को अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री से कई उम्मीदें : कैट

– कैट की एक ही लाइसेंस जारी करने और जीएसटी कानून की समीक्षा की मांग

नई दिल्ली (New Delhi)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक फरवरी को प्रस्तुत होने वाले केंद्रीय बजट 2024 (union budget 2024) में व्यापारियों को लेकर कई उम्मीदें हैं। कैट ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) से अंतरिम बजट (Interim budget) में देश के व्यापारी वर्ग को विशेष तवज्जो देने की मांग की है।

केट ने गुरुवार को वित्तमंत्री सीतारमण से आग्रह किया कि अंतरिम बजट में देश के व्यापारी समुदाय को विशेष तवज्जो दी जाए। कैट ने सीतारमण से मौजूदा जीएसटी प्रणाली को सरलीकृत बनाने के लिए जीएसटी क़ानून की नए सिरे से समीक्षा करने की मांग की है। कैट ने कहा कि क़ानून ऐसा बनाया जाए जिसका देश का आम व्यापारी भी सरलता से पालना कर सकें। हर जिला स्तर पर अधिकारियों एवं व्यापारियों की एक जीएसटी कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए, ताकि ज़िला स्तर पर ही समस्याओं का समाधान हो और जीएसटी का कर दायरा जिला स्तर पर ही आपसी समन्वय से बढ़ाया जाए।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारियों के लिए कंपनियों की तरह ही आयकर का एक विशेष स्लैब बनाया जाए। व्यापार पर लागू सभी क़ानूनों की समीक्षा भी हो। जो कानून पुराने और अप्रासंगिक हो गए हैं, उन्हें समाप्त किया जाए। खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक देश-एक कानून का विजन घोषित किया गया है, इसमें व्यापारियों के लिए एक लाइसेंस भी जोड़ा जाए। व्यापार के लिए अनेक प्रकार के लाइसेंस लेने पड़ते हैं, उनकी जगह पर केवल एक लाइसेंस प्रणाली लाया जाए।

खंडेलवाल ने वित्त मंत्री से यह आग्रह किया है कि अब बिना किसी और देरी के ई-कॉमर्स पालिसी और नियमों को घोषित किया जाए। नेशनल रिटेल ट्रेड पालिसी को भी तुरंत लागू किया जाए, जो लगभग तैयार है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को बैंकों से ऋण कम ब्याज दरों पर आसानी से उपलब्ध कराने की योजना घोषित हो। वहीं, व्यापारियों को पेंशन देने की वर्तमान स्कीम को संशोधित कर दोबारा लागू किया जाए। प्रत्येक राज्य की राजधानी में होलसेल कारोबार के लिए एक स्पेशल ट्रेड जोन भी बनाने की घोषणा हो, जहां सरकार एक विंडो स्थापित करे जिससे सभी प्रकार की सरकारी प्रक्रिया एक ही सिंगल विंडो से पूरी की जा सके।

कैट महामंत्री ने यह भी मांग की है कि टेक्सटाइल, खिलौने, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इलेक्ट्रिकल, ऑटो पार्ट्स, हार्डवेयर, आभूषण, रेडीमेड गारमेंट्स जैसे विभिन्न व्यापार के लिए एक स्पेशल टास्क फ़ोर्स बनाई जाए, जो इन वस्तुओं के भारत से ज़्यादा से ज़्यादा निर्यात पर व्यापारी संगठनों के साथ मिलकर एक ठोस योजना बनाए, ताकि भारत के निर्यात में तेज़ी से वृद्धि की जा सके। खंडेलवाल ने कहा कि चेक बाउंस होना व्यापारियों की बहुत बड़ी समस्या है। इसलिए चेक बाउंस के मामलों के शीघ्र निपटान के लिए प्रत्येक ज़िला स्तर पर एक रिकवरी ट्रिब्यूनल अथवा लोक अदालत गठित की जाए, जिसमें 45 दिनों में ऐसे मामले निबटाये जाएं।

कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि दिल्ली को सीलिंग से संरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार बजट में एम एमनेस्टी स्कीम की भी घोषणा करे। इसके साथ ही उपराज्यपाल के स्तर पर एक व्यापारिक बोर्ड गठित करने की घोषणा हो जिसमें व्यापारियों का प्रतिनिधित्व हो और यह बोर्ड दिल्ली में व्यापार के नए अन्य अवसर कैसे बनाए जाए उस पर नीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जीएसटी कर प्रणाली जटिलताओं से ग्रसित है जिसको ठीक किया जाना बेहद जरूरी है जिससे जीएसटी का कर दायरा बढ़ेगा तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के भी राजस्व में वृद्धि होगी।