नई दिल्ली (New Delhi)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (India Traders (CAIT) ने रविवार को कहा कि त्योहारी सीजन (festive season) में 31 दिसंबर तक देशभर के बाजारों में लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये का व्यापार (Business worth Rs 8.5 lakh crore) होगा। ये ऑनलाइन व्यापार के संभावित 90 हज़ार करोड़ रुपये के आंकड़े से कहीं ज़्यादा है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक 31 दिसंबर तक त्योहारी और शादियों के सीजन में करीब 60 करोड़ से ज़्यादा ग्राहक मेनलाइन बाजारों से ख़रीददारी करेंगे। इसमें खास बात यह है कि चीन के किसी सामान की कोई बिक्री नहीं की जाएगी, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान की दिशा में देश के व्यापारियों और उपभोक्ताओं का बड़ा सहयोग है। खंडेलवाल ने कहा कि जो ग्राहक पहले चीन के बने सामान को ही मांगते थे, वो अब ये सुनिश्चित करते हैं कि चीनी सामान न ख़रीदें।
खंडेलवाल ने कहा कि रक्षा बंधन से शुरू हुए त्यौहारों के सीजन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये उसके तुरंत बाद शादियों के सीजन में लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये एवं तत्पश्चात् सीधे क्रिसमस एवं नये वर्ष पर करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये के देशभर में व्यापार के अनुमान के अनुसार यह आंकड़ा भारत के रिटेल व्यापार को तेज गति देगा। इससे धन की कमी से त्रस्त बाजारों के व्यापारियों के मनोबल और बाजार के सेंटीमेंट्स को मज़बूत करेगा। इस व्यापार से देश की अर्थव्यवस्था भी बहुत मज़बूत होगी।
कैट महामंत्री ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक करीब 8 फीसदी सोने-चांदी में, 10 फीसदी गिफ्ट आइटम्स में, 6 फीसदी सजावटी सामान में, 30 फीसदी फ़ूड एवं कैटरिंग में, 10 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल में, 10 फीसदी वस्त्र एवं गारमेंट में, 5 फीसदी फर्नीचर एवं फ़र्निशिंग में, 5 फीसदी मिठाई-नमकीन में, 6 फीसदी इवेंट मैनेजमेंट में एवं शेष 10 फीसदी अन्य सामानों की ख़रीद में खर्च किए जाने की उम्मीद है।
खंडेलवाल ने कहा कि 8.5 लाख करोड़ का बड़ा व्यापार ऐसे समय में जब देश में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां व्यापारियों के कारोबार को हड़पने की पुरज़ोर कोशिश कर रही हैं, लेकिन इतना बड़ा व्यापार व्यापारियों की ख़ुद की मेहनत और ग्राहकों का परंपरागत दुकानदारों पर विश्वास के कारण से ही संभव होगा। स्थानीय दुकानदारों से ही ख़रीदी की जाए को लेकर कैट देशभर में फैले 45 हज़ार से ज़्यादा व्यापारी संगठनों के ज़रिए ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा अभियान देश के सभी राज्यों में चलाए हुए हैं जिसका सकारात्मक प्रभाव उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।