Friday, September 20"खबर जो असर करे"

धारः भोजशाला में 76वें दिन एएसआई सर्वे में मिले स्तंभ के तीन बड़े पाषाण अवशेष

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench ) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department ) का सर्वे (Survey) बुधवार को 76वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के नौ अधिकारियों की टीम 40 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

 

ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे एएसआई सर्वे के 74वें दिन मजदूरों की संख्या अधिक होने से भोजशाला परिसर में मिट्टी हटाने का काम तेजी से हुआ, लेकिन अधिकारियों की संख्या होने से सर्वे के काम की गति धीमी रही। टीम ने बुधवार को इमारत के उत्तर, दक्षिण और पश्चिमी भाग में सर्वे किया। इस दौरान उत्तरी भाग के सर्वे में तीन बड़े पाषाण अवशेष मिले हैं। ये तीनों ही स्तंभ के टुकड़े हैं। इन अवशेषों को विभाग ने संरक्षित कर लिया है।

सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि जो अवशेष मिले हैं, वे बड़े स्तंभ के टुकड़े हैं। इसमें एक पिलर बेस मिला है। इसका परीक्षण करवाया जाएगा और इसकी काल अवधि पता की जाएगी। साथ ही सफाई करने के बाद इस पर बनी आकृति के बारे में भी विवरण पता किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि हैदाराबाद से जियालोजालिक सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट नहीं आने से कार्य को गति नहीं मिल पा रही है। बुधवार को दिनभर तीनों क्षेत्र में काम किया गया। पश्चिमी भाग में लेवल तैयार किया गया है। इसके अलावा टीम ने 50 मीटर के दायरे में भी कुछ स्थान का अवलोकन किया है। साथ ही यहां पर खुदाई भी की गई है, जबकि उत्तर और दक्षिण भाग में भी मिट्टी हटाने और लेबलिंग का काम किया गया है।

बता दें कि भोजशाला में अब तक छोटे व बड़े मिलाकर एक हजार से अधिक अवशेष मिल चुके हैं, इनकी जांच के बाद अब प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, क्योंकि जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में एएसआई की टीम को सर्वे की पूरी रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट में पेश करना है। चार जुलाई को कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने का समय दिया था, जिसमें महज 30 दिन का ही समय शेष है। जीपीआर सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही टीम के सदस्य अब आगे काम करेंगे।