नई दिल्ली। लोकसभा ने शुक्रवार को खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 पारित कर दिया। इसमें महत्वपूर्ण खनिजों के लिए निजी क्षेत्र को अन्वेषण का लाइसेंस देने का प्रावधान है।
खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023, केंद्र सरकार को कुछ महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विशेष रूप से खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी करने का अधिकार देता है।
केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए विधेयक पेश किया। इस दौरान विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे पर सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
संक्षिप्त चर्चा का उत्तर देते हुए जोशी ने कहा कि पहले देश कोयले के आयात पर काफी हद तक निर्भर था लेकिन अब कोयला उत्पादन में वृद्धि के साथ स्थिति बदल गयी है। उन्होंने विधेयक में संशोधन को गेम चेंजर बताते हुए कहा कि हम 1 अरब टन कोयले का उत्पादन करने जा रहे हैं और भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे। जोशी ने कहा कि हमने 2025-26 तक कोयला आयात बंद करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि विधेयक में अन्वेषण (एक्लप्लोरेशन) लाइसेंस का प्रस्ताव रखा गया है जोकि निर्दिष्ट खनिजों के लिए पूर्व परीक्षण या पूर्वेक्षण, या दोनों गतिविधियों के लिए अधिकृत करेगा। यह पूरी तरह से पारदर्शी माध्यम से होगा। अन्वेषण लाइसेंस राज्य सरकार द्वारा प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। केंद्र सरकार नियमों के जरिए अन्वेषण लाइसेंस के लिए नीलामी के तरीके, नियम, शर्तें और मानदंड जैसे विवरण निर्धारित करेगी।
बाद में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि खान और खनिज (विकास एवं रेगुलेशन) संशोधन बिल, 2023 को लोकसभा में 26 जुलाई को पेश किया गया था। बिल खान और खनिज (विकास एवं रेगुलेशन) एक्ट, 1957 में संशोधन करता है।
विधेयक के अनुसार सातवीं अनुसूची में निर्दिष्ट 29 खनिजों के लिए अन्वेषण लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसमें सोना, चांदी, तांबा, कोबाल्टन, निकल, सीसा, पोटाश और रॉक फास्फो रस शामिल हैं।