
नई दिल्ली । देश का औद्योगिक उत्पादन मार्च में मासिक आधार पर 3 फीसदी बढ़ा है। इससे पहले फरवरी महीने में यह 2.7 फीसदी रही थी, जबकि पिछले साल की समान अवधि में आईआईपी पर आधारित औद्योगिक उत्पादन मार्च 2024 में 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर मार्च, 2025 में मामूली रूप से बढ़कर तीन फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने फरवरी में 2.7 फीसदी थी। हालांकि, सालाना आधार पर औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि मार्च में घटी है, क्योंकि मार्च, 2024 में यह 5.5 फीसदी था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के जारी आंकड़ों के मुताबिक सालाना आधार पर विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहा है। एनएसओ के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि मार्च 2025 में थोड़ी कम होकर तीन फीसदी रह गई, जो पिछले साल इसी महीने में 5.9 फीसदी थी। खनन क्षेत्र की उत्पादन में वृद्धि सालाना आधार पर 1.3 फीसदी से घटकर 0.4 फीसदी रह गई।
इसके अलावा बिजली क्षेत्र का उत्पादन भी मार्च 2025 में घटकर 6.3 फीसदी पर आ गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 8.6 फीसदी था। सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि फरवरी 2025 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 2.9 फीसदी रही थी, हालांकि, अब राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से इस आंकड़े को संशोधित कर 2.7 फीसदी कर दिया गया है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में आईआईपी पर आधारित आद्योगिक उत्पादन में चार फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह 5.9 फीसदी रहा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक अब औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का त्वरित अनुमान अब हर महीने की 28 तारीख को (या 28 तारीख को छुट्टी होने पर अगले कार्य दिवस पर) जारी किया जाएगा।