हैदराबाद । कुवैत की यात्रा से लौटे कामारेड्डी जिले के एक युवक में मंकीपॉक्स के संदिग्ध लक्षण मिले हैं। उसे रविवार की देर रात हैदराबाद के नल्लाकुंटा के फीवर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कामारेड्डी जिले के स्थानीय रोग निगरानी टीम ने इस युवक में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और घाव विकसित होने पर उसे अलग कर दिया था।
राज्य के जन स्वास्थ्य निदेशक जी. श्रीनिवास राव ने बताया कि शख्स के शरीर पर 23 जुलाई को चकत्ते पड़ने लगे, जिसके बाद उसे कामारेड्डी जिले के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हमने इस व्यक्ति के संपर्क में आए छह लोगों की पहचान की है। हालांकि उनमें किसी तरह का कोई लक्षण नहीं है और उन्हें भी पृथक रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उसे फीवर अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। फीवर अस्पताल मंकीपॉक्स के पॉजिटिव मामलों को उपचार प्रदान करने के लिए राज्य का नोडल अस्पताल है।
सूत्रो के अनुसार सोमवार को फीवर अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी संदिग्ध मंकीपॉक्स रोगी से रक्त के नमूने, घाव के तरल पदार्थ, घावों की पपड़ी और मूत्र के नमूने एकत्र कर टेस्ट के लिए उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे भेजा है । इस मामले पर रिपोर्ट मंगलवार शाम तक मिलने की संभावना है।
फीवर अस्पताल के अधीक्षक डॉ के. शंकर ने कहा कि मंकीपॉक्स निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में अधिकांश व्यक्तियों को पहले ही चेचक और कोरोना का टीका लग चुका है, जो काफी हद तक मंकीपॉक्स का सामना करने योग्य हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को दक्षिण केरल के कोल्लम जिले में सामने आया था। दूसरा मामला 18 जुलाई को और तीसरा मामला 22 जुलाई को केरल में ही सामने आया था। तीनों शख्स विदेश की यात्रा कर लौटे थे। चौथा मामला रविवार को दिल्ली में सामने आया, जिसकी कोई विदेश यात्रा की ट्रवेल हिस्ट्री नहीं है।