हाल ही में काला सागर के ऊपर उड़ान भर रहे अमेरिका के सैन्य टोही ड्रोन रीपर की रूस के लड़ाकू विमान एसयू-27 से टक्कर हो गई थी। टक्कर के बाद ड्रोन काला सागर में गिर गया। रूस के लड़ाकू विमान द्वारा पीछा कर सैन्य ड्रोन गिराए जाने का आरोप लगाकर अमेरिका ने कड़ी आपत्ति जताई थी और रूस के राजदूत को तलब कर नाराजगी जाहिर की थी। रूस में अमेरिका के राजदूत ने भी इसे लेकर नाराजगी जाहिर की। रूस का कहना है कि यह एक दुर्घटना थी और ड्रोन को गिराने के लिए किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। रूस के सेना प्रमुख वालेरी गारसिमोव और अमेरिका के सेना प्रमुख मार्क माइली के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई है। इसके बाद रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई सोइगु ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच फोन पर बातचीत हुई। बातचीत के दौरान रूस के रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा रूस की जासूसी की जा रही है, जिसके चलते ड्रोन वाली घटना हुई। रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर भविष्य में अमेरिका ने कोई उकसावे की कार्रवाई की तो रूस भी उसका ‘उचित जवाब’ देगा। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के रणनीतिक ड्रोन का क्रीमिया के तट पर उड़ान भरना उकसावे की कार्रवाई है। इससे दोनों देशों के बीच काला सागर इलाके में लड़ाई के हालात बन सकते हैं। रूस अभी ऐसी उकसावे की कार्रवाई में नहीं पड़ना चाहता लेकिन अगर यह जारी रहा तो इसका उसी अनुपात में जवाब दिया जाएगा।
इस बीच अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बयान जारी कर कहा कि जहां-जहां अंतरराष्ट्रीय कानून उड़ान की इजाजत देते हैं, वहां अमेरिका अपने एयरक्राफ्ट उड़ाता रहेगा। यह रूस के ऊपर है कि वह अपने एयरक्राफ्ट को सुरक्षित और सही तरीके से संचालित करे। ड्रोन गिराने की घटना को अमेरिका ने रूस की लापरवाही और गलत रवैया करार दिया है। अमेरिका के सेना प्रमुख मार्क माइली ने कहा कि पेंटागन घटना के वीडियो का विश्लेषण कर रहा है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि असर में हुआ क्या था।वे जानते हैं कि जानबूझकर हमारे ड्रोन को इंटरसेप्ट किया गया। यह जानबूझकर उग्र तरीके से किया गया और यह बेहद गलत और असुरक्षित है। एजेंसी(हि.स.)