मुरैना। आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं ने गैर परंपरागत क्षेत्र में कदम बढ़ाए हैं। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं तालाबों का प्रबंधन करेंगी। सिंचाई प्रबंधन के साथ इन तालाबों में महिलाएं मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन सहित गौशाला संचालन के काम भी करेंगी। 12.68 करोड़ रुपए की लागत से केंद्र सरकार की अमृत योजना में बने 101 तालाबों से 85 का प्रबंधन महिलाओं को दिया जा चुका है, बाकी प्रक्रिया इस माह के अंत तक पूरी कर ली जाएगी।
योजना के बारे में जिला पंचायत के सीईओ डॉ. इच्छित गढ़पाले ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि अप्रैल 2022 में शुरू होकर इन तालाबों का निर्माण अगस्त 2022 में पूर्ण कर लिया गया है। अब इनका प्रबंधन केवल महिलाओं को दिया जा रहा है। 101 अमृत सरोवरों में से 85 सरोवर महिलाओं को दिए गए हैं। इनमें 82 तालाबों से महिलाएं केवल सिंचाई प्रबंधन करेंगी और 11 तालाबों में मछली पालन किया जा रहा है। जबकि आठ तालाबों में सिंघाड़े की फसल उगाई जाएगी। 16 समूहों से भी स्व-सहायता समूहों का अनुबंध इस माह के अंत तक होने की उम्मीद है। इन तालाबों से जहां एक हजार 83 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो सकेगी, वहीं 57 हेक्टेयर बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाने में मदद मिलेगी। 101 अमृत सरोवरों में 17 लाख 91 हजार 310 क्यूबिक मीटर जल संग्रहण होगा। इससे पहाड़गढ़, जौरा, कैलारस एवं सबलगढ़ क्षेत्र में सिंचाई के अभाव में किसानों का पलायन भी रुकेगा।
जनहितकारी महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष गीता ने बताया कि सिंचाई प्रबंधन के लिये हमारे समूह ने एक तालाब लिया है। रबी फसल में करीब 10 हेक्टेयर में सिंचाई होगी, अगले साल मछली पालन व सिंघाड़ा की खेती पर भी काम करेंगे।
उन्होंने बताया कि 101 तालाबों में से 85 का प्रबंधन स्वसहायता समूहों को दिया गया है। इनसे सिंचाई के अलावा मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन के साथ बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाने में सहायता मिलेगी। 135 तालाब और बनाकर महिला समूहों को दिये जायेंगे तो बेहतर परिवर्तन होगा। अभी तक जनपद अंबाह में 11, जौरा में 13, कैलारस में 8, मुरैना में 40, पहाड़गढ़ में 9, पोरसा में 9, सबलगढ़ में 11, इस प्रकार कुल 101 तालाबों का निर्माण किया गया है।
रामप्रसाद बिस्मिल को समर्पित किया तालाब-
जनपद पंचायत अंबाह की ग्राम पंचायत खिरेंटा में कछपुरा के पास निर्मित अमृत सरोवर अमर शहीद पं रामप्रसाद बिस्मिल को समर्पित किया गया है। इस तालाब में 15 हजार घन मीटर जल संग्रहण होगा और 10 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी। 10 परिवारों को इससे सीधे लाभ मिलेगा। वहीं, 101 तालाबों के निर्माण के अनुभव के बाद दूसरे चरण में 135 तालाब और स्वीकृत किये गये हैं।
380 क्विंटल मछली उत्पादन होगा-
मछली उत्पादन के मकसद से 19 तालाबों का निर्माण कराया गया है। जो पहले बन गये थे उनमें मछली का बीज डाला गया है लेकिन अगले साल से इन 19 तालाबों से 380 क्विंटल मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि आमदनी होगी तो परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी और इसके सहारे आगे और व्यवसाय किया जा सकता है। जिले में 101 अमृत सरोवरों में सिंघाड़े की खेती की जायेगी। 240 क्विंटल सिंघाड़ा उत्पादन इन तालाबों के माध्यम होगा।