Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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योगी के तंज में छुपी, भविष्य की राजनीति

योगी के तंज में छुपी, भविष्य की राजनीति

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- डॉ. आशीष वशिष्ठ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बारिश के दौरान मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति और उसकी पत्नी पर सड़क पर भरा पानी उछालने और महिला को खींचकर गिराने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। इसकी गूंज विधानसभा तक में सुनाई दी। मुख्यमंत्री ने सदन में दो आरोपितों का नाम लिया, जिस पर जमकर राजनीति भी हो रही है। योगी ने जिन आरोपितों का नाम लिया उनमें एक मुस्लिम और एक यादव था, जिसका मकसद मुख्य विपक्षी दल सपा पर निशाना साधना था। योगी ने तंज भरे अंदाज में कहा, ''यह सद्भावना वाले लोग हैं? यानी अब इनके लिए सद्भावना ट्रेन चलाएंगे?…नहीं इनके लिए बुलेट ट्रेन चलेगी।'' सभी आरोपितों के नाम सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री योगी को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि अपराधियों की न जाति होती है और न धर्म लेकिन योगी आदित्यनाथ ने सदन में उनकी धार...
सनातन के संवाहक योगी, चुनाव में जीत के वाहक

सनातन के संवाहक योगी, चुनाव में जीत के वाहक

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- मृत्युंजय दीक्षित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब कुशल नेतृत्वकर्ता, समाज, सनातन धर्म और अखंड भारत संवाहक और चुनाव में जीत के वाहक (सारथी) बन गए हैं। सनातन धर्म और अखंड भारत को लेकर योगी के बयानों की चर्चा अब भारतीय मीडिया में ही नहीं अपितु विदेशों में भी हो रही है। सनातन धर्म पर उनकी स्पष्टवादिता से भारत की संपूर्ण सेक्युलर जमात में खलबली है। तमिलनाडु के द्रमुक नेता उदय निधि द्वारा सनातन धर्म का उन्मूलन करने वाले शर्मनाक बयान के बाद से योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा खोल दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश के हिंदू आस्था के सभी केंद्रों, प्रतीकों का विकास व सम्मान हो रहा है। अयोध्या, मथुरा, काशी के साथ ही अन्य छोटे धार्मिक महत्व के स्थलों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। इसके कारण सनातन समाज में प्रसन्नता की लहर है। ठीक इसके उलट कांग्रेस के नेतृत्व मे...
योगी का सनातन संदेश

योगी का सनातन संदेश

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री विपक्षी इंडी एलायंस के सदस्य हिन्दू धर्म पर हमला बोल रहे हैं। उसे धर्म नहीं धोखा बता रहे हैं। सनातन के उन्मूलन का ऐलान कर रहे हैं। मन्दिरों की मूर्तियों की प्रतिष्ठा के प्रतिकूल बयान दिए जा रहे हैं। जातिवाद और जातिगत वैमनस्य बढ़ाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। इनमें से कोई भी दल विकास, सद्भाव और समरसता की बात नहीं कर रहा है, क्योंकि ऐसा करने पर इनको भी अपना हिसाब देना पड़ेगा। इंडी एलायंस की अनेक पार्टियां आज भी प्रदेशों मे सत्तारूढ़ हैं। यूपीए सरकार में भी ये साझेदार रहीं हैं। इसलिए विकास पर मौन रहने में ही इन्हें अपनी भलाई दिखाई देती है। इन सबने नरेन्द्र मोदी को हटाने का एकमात्र एजेंडा बनाया है। इसलिए वोट बैंक राजनीति चल रही है। हिन्दू, सनातन, ठाकुर का कुआं, हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथ आदि पर नकारात्मक बयान दिए जा रहे हैं। दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री ह...
पंचायत चुनाव प्रबंधन, ‘दीदी! जरा सीखें योगी से’

पंचायत चुनाव प्रबंधन, ‘दीदी! जरा सीखें योगी से’

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- आर.के. सिन्हा उत्तर प्रदेश में मई महीने में पंचायत चुनाव हुए और पश्चिम बंगाल में इसी जुलाई में। दोनों ही देश के आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से खास राज्य हैं। पर पंचायत चुनाव के दौरान जहां यूपी में पूर्ण शांति रही, वहीं पश्चिम बंगाल ने हिंसा, आगजनी और निर्मम हत्याएं होती देखीं। राजनीतिक एकाधिकार के लिए पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की संस्कृति अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में कहीं अधिक विद्रूप रूप धारण कर गई है। देखा जा रहा है कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पों की संस्कृति, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में हाल के कुछ वर्षों में यहां कुछ ज्यादा ही फली-फूली है। पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान खूब खूनखराबा हुआ जिसमें तीन दर्जन से अधिक राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। यह इस बात की पुष्टि करता है कि दीदी यानी ममता बनर्जी की सरकार सत्ता की हनक को बरकरार रखने ...
तो योगी यूपी के रास्ते ही भाजपा को 2024 में सत्ता सौपेंगे

तो योगी यूपी के रास्ते ही भाजपा को 2024 में सत्ता सौपेंगे

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- आर.के. सिन्हा अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल के शुरुआती के तीन महीनों के दौरान देश में लोकसभा चुनाव की हलचल को महसूस किया जाने लगेगा। सभी दल अपने घोषणापत्र को अंतिम रूप दे रहे होंगे और प्रत्याशियों के नामों पर भी अंतिम विचार चल रहा होगा। फिजा में लोकसभा चुनाव का पूरा माहौल बन गया होगा। दरअसल, यह चुनाव आजाद भारत का एक ऐसा चुनाव होगा जब कांग्रेस छोड़ किसी दूसरी विचारधारा की सत्ता की पारी दशकीय सीमा लांघकर एक नई तारीखी लकीर खींचने की ओर आगे बढ़ेगी। इस चुनाव के लिहाज से राज्यों की राजनीति भी गरमा रही है। पर बात करें भाजपा की तो देश के सबसे बड़े सूबे में उसकी निश्चिंतता का आलम कुछ और ही है। वैसे भी दिल्ली के सियासी गलियारों में यह बात शुरू से कही और मानी जाती रही है कि देश की सत्ता का रास्ता राम और कृष्ण के जन्म स्थान उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। इस सूबे की सियासी धाक यह है कि इसने...
योगी का चरखा दांव, विपक्ष के फूले हाथ-पांव

योगी का चरखा दांव, विपक्ष के फूले हाथ-पांव

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- मृत्युंजय दीक्षित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के एक निर्णय से छद्म धर्मनिरपेक्ष दल बेचैन और व्यग्र हैं। चिंता में हैं कि अब उनकी तुष्टिकरण की राजनीति का क्या होगा ? प्रदेश की राजनीति में अभी तक कहा जाता रहा है कि दिवंगत सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव चरखा दांव चलते थे। इस बार असली चरखा दांव योगी आदित्यनाथ ने चला है। इसने मुस्लिम तुष्टिकरण और जातिवादी नेताओं को चित कर दिया है। जो लोग रामचरित मानस जैसे दिव्य व पवित्र ग्रंथ की कुछ चौपाइयों का गलत अर्थ निकालकर हिंदू समाज में जातिभेद व विवाद उत्पन्न कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रहे थे वो अब सकते में हैं। यह लोग सोच रहे थे कि प्रदेश में भगवा लहर को सनातन धर्म और सनातन संस्कृति के आस्था के केंद्र और धर्मग्रंथों का दुष्प्रचार करके और सामाजिक समरसता का वातावरण दूषित करके रोका जा सकता है। प्रदेश सरकार ने 22 म...

गौरक्षपीठ, योगी और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

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- दिलीप अग्निहोत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संन्यास और राष्ट्रसेवा का भाव गौरक्षपीठ से विरासत में मिला है। इस वैचारिक और ऐतिहासिक पीठ का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के जागरण में उल्लेखनीय योगदान है। पीठाधीश्वर के रूप में योगी आदित्यनाथ इसका सतत संवर्धन कर रहे हैं। यही नहीं, मुख्यमंत्री पद के संवैधानिक दायित्व का निर्वाह भी वह इसी भाव से कर रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में संस्कृति और विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। गौरक्षपीठ करीब दो दर्जन शिक्षण संस्थानों का संचालन करती है। इन सभी में ज्ञान-विज्ञान के साथ ही भारतीय संस्कृति के प्रति स्वाभिमान की प्रेरणा दी जाती हैं। योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गौरक्षपीठ सामाजिक सेवा और जन जागृति के कार्यों का विस्तार दे रही है। संविधान की परिधि में संचालित यह प्रकल्प आमजन के जीवन को सरल बना रहे हैं। इसका निहितार्थ ...