Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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‘न्यू इंडिया’ को ‘स्वस्थ भारत’ में बदलेंगे आयुर्वेद और योग

‘न्यू इंडिया’ को ‘स्वस्थ भारत’ में बदलेंगे आयुर्वेद और योग

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- प्रियंका सौरभ आयुष उन चिकित्सा प्रणालियों का संक्षिप्त रूप है जिनका भारत में अभ्यास किया जा रहा है, जैसे आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी। स्वास्थ्य, रोग और उपचार पर इन सभी प्रणालियों का मूल दृष्टिकोण समग्र है। आयुष, स्वास्थ्य सेवाओं की बहुलवादी और एकीकृत योजना का प्रतिनिधित्व करता है। आयुष अपने नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा देखभाल प्रदान करके 'न्यू इंडिया' के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 'न्यू इंडिया' को 'स्वस्थ भारत' भी होना चाहिए, जहां उसकी अपनी पारंपरिक प्रणालियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन जामनगर (गुजरात) दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक चौकी केंद्र होगा। आयुर्वेद और योग ने प्राचीन भारतीय विज्ञान के रूप में 5000 साल पहले अपनी...
योग में है सर्वे भवन्तु सुखिन: का भाव

योग में है सर्वे भवन्तु सुखिन: का भाव

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- डॉ. वंदना सेन विश्व को कल्याण का मार्ग दिखाने के लिए भारत का चिंतन पुरातन काल से रहा है। विश्व का कल्याण करने का भाव भारतीय चिंतन में हमेशा से रहा है। वर्तमान में विश्व में जितनी भी ज्ञान और विज्ञान की बातें की जाती हैं, वह भारत में युगों पूर्व की जा चुकी हैं। इससे कहा जा सकता है कि भारत में ज्ञान और विज्ञान की पराकाष्ठा थी, लेकिन यह हमारा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि हम विदेशी चमक के मोहजाल में फंसकर अपने ज्ञान को संरक्षण प्रदान नहीं कर सके। जिसके कारण हम स्वयं ही यह भुला बैठे कि हम क्या थे। भारत की भूमि से विश्व को एक परिवार मानने का संदेश प्रवाहित होता रहा है, आज भी हो रहा है। यह अकाट्य सत्य है कि विश्व को शांति के मार्ग पर ले जाने का ज्ञान और दर्शन भारत के पास है। योग विधा एक ऐसी शक्ति है, जिसके माध्यम से दुनिया को स्वस्थ और मजबूती प्रदान की जा सकती है। 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरर...
व्यवस्थित जीवन का आधार है योग

व्यवस्थित जीवन का आधार है योग

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- डॉ. वंदना सेन सनातन काल से यह सर्वसिद्ध है कि व्यवस्थित योग क्रिया के माध्यम से शरीर को पुष्ट किया जा सकता है। निरोग रखा जा सकता है। योग जीवन के सर्वांगीण विकास का एक ऐसा माध्यम है, जो व्यक्ति के लिए सहज है। वास्तव में योग व्यवस्थित जीवन का आधार है। योग के कारण ही व्यक्ति की तमाम प्रकार की व्याधियां दूर होती हैं। मानसिक तनाव को भी कम करता है। आजकल की भागदौड़ भरी दिनचर्या के चलते अधिकतर व्यक्ति मानसिक अवसाद की अवस्था की ओर जा रहे हैं, यही अवसाद व्यक्ति के जीवन के सार्वभौमिक विकास की राह में अवरोध बनते हैं। इस सबको दूर करने के योग ही एक माध्यम है। योग व्यक्ति की एकाग्रचित्तता को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति किसी कार्य को अच्छी प्रकार से संपादित करता है। योग ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। इसलिए योग से जुड़ना व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत जरूरी है, योग को आज से ही अपने जीवन का अपरिहार्य...
समग्र जीवन का उत्कर्ष है योग

समग्र जीवन का उत्कर्ष है योग

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- गिरीश्वर मिश्र आज के सामाजिक जीवन को देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हर कोई सुख, स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि के साथ जीवन में प्रमुदित और प्रफुल्लित अनुभव करना चाहता है। इसे ही जीवन का उद्देश्य स्वीकार कर मन में इसकी अभिलाषा लिए आत्यंतिक सुख की तलाश में सभी व्यग्र हैं और सुख है कि अक्सर दूर-दूर भागता नजर आता है। आज हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हर कोई किसी न किसी आरोपित पहचान की ओट में मिलता है। दुनियावी व्यवहार के लिए पहचान का टैग चाहिए पर टैग का उद्देश्य अलग-अलग चीजों के बीच अपने सामान को खोने से बचाने के लिए होता है। टैग जिस पर लगा होता है उसकी विशेषता से उसका कोई लेना-देना नहीं होता। आज हमारे जीवन में टैगों का अम्बार लगा हुआ है और टैग से जन्मी इतनी सारी भिन्नताएं हम सब ढोते चल रहे हैं। मत, पंथ, पार्टी, जाति, उपजाति, नस्ल, भाषा, क्षेत्र, इलाका समेत जाने कितने तरह के टैग भेद का आधार बन...
अस्तित्व का संविधान है योग

अस्तित्व का संविधान है योग

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- हृदयनारायण दीक्षित योग भारत का प्राचीन विज्ञान है। दर्शन भी है। इसकी स्वीकृति अंतरराष्ट्रीय है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। इस महापर्व की तैयारियां उल्लासधर्मा हैं। भारत के सभी क्षेत्रों राज्यों में योग दिवस के आयोजन होने जा रहे हैं। भारत के योग विज्ञान को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को है। मोदी के प्रयास से 177 देशों ने योग की पक्षधरता की। भारतीय राष्ट्र जीवन में योग यत्र-तत्र सर्वत्र है। बिना प्रयास किसी का मिलना जुड़ना संयोग है। अलग हो जाना वियोग है। सहायक बना लेने का ज्ञान उपयोग है। आरोपित करना अभियोग है। वस्तुओं का उत्पादन करना उद्योग है। शक्ति का गलत प्रयोग दुरुपयोग है। शक्ति का प्रतिस्पर्धी प्रयोग प्रतियोग है। प्रतियोगिता शब्द इसी से बना है। ज्ञान को साधना का उपकरण बनाना ज्ञान योग है। भक्ति मार्ग भक्ति योग है। कर्म प्रधानता कर्म योग है...

मप्रः शालेय खेलकूद वार्षिक कैलेंडर में मलखंभ, योगा, तलवारबाजी और पिट्टू शामिल

मध्य प्रदेश
- स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री की पहल पर हुए शामिल भोपाल। प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) की पहल पर राज्य स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं (State level school sports competitions) के वार्षिक कैलेंडर वर्ष 2022-23 (Annual Calendar Year 2022-23) में मलखंभ, योगा, तलवारबाजी और पिट्टू पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने रविवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि मलखंभ मध्यप्रदेश का "राजकीय खेल" है। राज्यमंत्री परमार की इस पहल से प्रदेश में स्थानीय परंपरागत खेलों को बढ़ावा मिलेगा। पूर्व में 13 जुलाई को राज्य स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं के वार्षिक कैलेंडर वर्ष 2022-23 के लिए खेलों की सूची जारी की गई थी। राज्य मंत्री परमार के निर्देश पर योगा, पिट्टू (लगोरी), तलवारबाजी एवं मलखंभ जैसे...