भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व
- योगेश कुमार गोयल
भाई-बहन के पावन संबंधों की मजबूती और प्रेमभाव को स्थापित करने वाला पर्व है ‘भैया दूज’। बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर ईश्वर से उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। कहा जाता है कि इससे भाई यमराज के प्रकोप से बचे रहते हैं। इस वर्ष भैया दूज की तिथि को लेकर भी बड़ा भ्रम है। दरअसल कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि इस साल 26 और 27 अक्टूबर को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 26 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 43 मिनट से भैया दूज पर्व मनाना शुभ रहेगा। यह शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से साढ़े तीन बजे तक रहेगा। कई ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक भैया दूज 26 तारीख को ही मनाना शास्त्र के अनुकूल है। चूंकि कई स्थानों पर लोग उदया तिथि के हिसाब से यह पर्व मनाते हैं। ऐसे में जहां लोग उदया तिथि को मानते हैं, वहां 27 अक्टूबर को भैया दूज पर्व मनाया जा सकता है।
दीपावली के दो दिन बाद अर्थात कार्ति...