जम्मू-कश्मीर लिखेगा एक और इतिहास
- प्रदीप मिश्र
आजादी और विभाजन के बाद ऐतिहासिक विवाद और विचार-विमर्श का केंद्र रहे जम्मू-कश्मीर फिर नई इबारत लिखने जा रहा है। पांच अगस्त 2019 को स्वायत्तशासी राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए जम्मू-कश्मीर का भूगोल लद्दाख के अलग होने के कारण पहले ही बदल चुका है। अरसे बाद तीन चरणों में विधानसभा चुनाव तय हो गया है। 2014 के बाद होने जा रहा नए जम्मू-कश्मीर का यह विधानसभा चुनाव इतिहास का हिस्सा होगा। इस साल जून से आतंकवादियों के आए दिन हमलों और सुरक्षाकर्मियों की शहादत के बीच सुप्रीम कोर्ट के प्रति सम्मान जताने के चुनाव आयोग के फैसले से अवाम को स्थानीय स्तर पर नुमाइंदे मिल जाएंगे। इससे उनकी अपने जनप्रतिनिधि चुनने के बाद उनकी समस्याओं पर सुनवाई और समाधान नजदीक ही नहीं, तेजी से भी होने की उम्मीद बढ़ गई है। 87.09 लाख मतदाताओं वाले केंद्र शासित प्रदेश में सभी दलों के लिए पूर्ण राज्य का मुद्दा सब...