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चिंताजनक है मुद्दाविहीन लोकसभा चुनाव

चिंताजनक है मुद्दाविहीन लोकसभा चुनाव

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- अरुण कुमार दीक्षित मौजूदा लोकसभा चुनाव मुद्दाविहीन है। जब कोई चुनाव मुद्दों पर आधारित होता है तब पक्ष और विपक्ष के लिए बहस आसान होती है। सत्ता पक्ष के पास अपने अनेक कार्य गिनाने का अवसर चुनाव के समय होता है। सत्ता पक्ष द्वारा अपने पक्ष में रखी जा रही बातों और प्रशंसा का मंच चुनाव होता है। सत्तारूढ़ दल अपने कार्यों को बता कर यदि चुनाव में लाभ उठाता है तो यह उसका अधिकार भी है। विपक्ष के पास सत्ता दल को घेरने के लिए मुद्दे होने चाहिए। इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष किसी भी समस्या को मुद्दा नहीं बना पाया। सच तो यह है कि कोई भी सरकार अपने कार्यों से बोलती है और विपक्ष माइक से बोलता है। पूरे पांच साल विपक्ष मुद्दा आधारित लोकहित के विचार सदन के भीतर और बाहर नहीं रख पाया। न ही आंदोलन से अपने पक्ष में वातावरण बना पाया। जनहित की बातों और समस्याओं को लेकर लोकसभा में सकारात्मक चर्चा भी ठीक नहीं रही। र...
अपराधों से जूझती आधी आबादी

अपराधों से जूझती आधी आबादी

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- योगेश कुमार गोयल राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट में एक बार फिर महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की चिंताजनक तस्वीर उभर कर सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में महिलाओं के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 4,28,278 और 2020 में 3,71,503 था। महिलाओं के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं के ये मामले 2021 की तुलना में करीब चार प्रतिशत ज्यादा हैं। आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार महिला सशक्तिकरण का कितना भी दावा करे, वास्तविकता यही है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों में कोई सुधार नहीं आया है। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध सबसे ज्यादा बढ़े हैं, जबकि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर सर्वाधिक बताई गई है। दूसरे राज्यों के मुकाबले उत्तरप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलो...