Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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दुनिया में तेजी से बढ़ रही भारत की अर्थव्यवस्था : शक्तिकांत दास

देश, बिज़नेस
आरबीआई के गवर्नर ने कहा- हमारी बैंकिंग प्रणाली पूरी तरह सक्षम नई दिल्ली/मुंबई। देश की अर्थव्यवस्था (country's economy) को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने बड़ी बात कही है। दास ने कहा कि भारत को व्यापक रूप से 2022 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (fastest growing economy) के रूप में माना गया है, जबकि अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं सही मायने में विकास की गति में कमी का सामना कर रही है। शक्तिकांत दास ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व प्रमुख के भाषण से पैदा हो रही बाहरी नकारात्मक चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए हमारी बैंकिंग प्रणाली पूरी तरह सक्षम है। दास ने कहा कि अपनी बैंकिंग प्रणाली को सशक्त करने के लिए उठाए गए प्रयासों से भारत इन बाहरी झटकों ...

कोरोना महामारी से उबरने के बाद भी दुनिया के सामने कई नई चुनौतियां: वित्त मंत्री

देश, बिज़नेस
- भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए कई सारे प्रयासों की जरूरत नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री कहा कि कोरोना महामारी से उबरने के बाद भी दुनिया कई नई चुनौतियों का सामना कर रही है। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के लिए बहुत सी योजनाओं को फिर से नया आकार देना होगा। सीतारमण ने ‘अश्वमेध-एलारा इंडिया डायलॉग 2022’ को संबोधन के अवसर पर यह बात कही। वित्त मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए डिजिटलीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे बड़े साधन हैं। सीतारमण ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) अपने आप नहीं, बल्कि उद्योग के साथ नियमित परामर्श के साथ वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर आधार बढ़ाना एक प्रमुख मुद्दा है। ऐसा ज्यादा उचित ढंग से तथा तकनीक की मदद से किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एक दिन...

यह हर भारतीय के लिए गर्व का पल है

अवर्गीकृत
- अनुराग सिंह ठाकुर यह मात्र संयोग हो सकता है, तो भी यह प्रत्येक भारतीय के लिए अत्यधिक संतोष की बात है कि भारत ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरते हुए ब्रिटेन को ही पीछे छोड़ दिया है। यह उपलब्धि ऐसे समय में भी आई है, जब ब्रिटेन अपनी गिरती अर्थव्यवस्था को समर्थन देने और बढ़ती महंगाई का मुकाबला करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिसने जीवनयापन की लागत को उस स्तर तक पहुंचा दिया है, जिसकी कल्पना यूके, यूरोप और पश्चिम ने कभी नहीं की थी। भारतीय अर्थव्यवस्था की लगातार आलोचना करने वाले अर्थशास्त्री इस बात से स्तब्ध हैं कि वे ब्रिटेन की और वास्तव में पश्चिम की अधिकांश चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने में विफल रहे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का विचार है कि उनके लिए प्रचुरता से भरे दिन वास्तव में खत्म हो गए हैं ...

भारत बना दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, ब्रिटेन को पीछे छोड़ा

देश, बिज़नेस
- सूची में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर पर नई दिल्ली। आजादी के अमृतकाल में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वैश्विक महामारी को मात देकर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। खास बात यह है कि ब्रिटेन को पछाड़ कर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है। पिछले 10 वर्षों में 11वें पायदान से यहां तक का सफर भारत ने तय किया है। इस लिहाज से भी यह बेहद शानदार और प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने वाला क्षण है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत साल 2021 के आखिरी तीन महीने में ब्रिटेन से आगे निकला। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में भी भारत की ये बढ़त वित्त वर्ष 2022-23 में भी जारी है। भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर रही, जबकि इसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर रही। इस लिहाज से अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ...

महाभारत में काल सर्वोपरि

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- ह्रदय नारायण दीक्षित महाभारत दुनिया का सबसे बड़ा महाकाव्य है। इस कथा के दो प्रमुख नायक युधिष्ठिर और अर्जुन विषादग्रस्त होते हैं। दोनों के विषाद की चित्त भूमि एक है। दोनों के विषाद का केंद्र परिवार है। समय का अंतर है। अर्जुन युद्ध तत्पर परिजनों को देखकर विषादग्रस्त होते हैं । युधिष्ठिर इसी युद्ध में मारे गए परिजनों को लेकर व्यथित होते हैं। अर्जुन के विषाद को श्रीकृष्ण का प्रबोधन मिलता है। विषाद प्रसाद बनता है। अर्जुन श्रीकृष्ण से कहते हैं, 'आपके प्रसाद से मेरा मोह नष्ट हो गया - तव प्रसादात्मान अच्युत।' लेकिन युधिष्ठिर अपने भाइयों, व्यास जैसे विद्वानों के प्रबोधन से भी संतुष्ट नहीं होते। युद्ध में व्यापक हिंसा हुई थी। सभी योद्धाओं के अपने विचार थे। धर्म और कर्तव्य की अपनी परिभाषाएं थी। युधिष्ठिर धर्मराज थे। धर्म के आग्रही थे। लेकिन धर्म तत्व को लेकर असमंजस में थे। वनपर्व में यक्ष और युधि...

अधिकांश दुनिया ले रही ज़हरीली हवाओं में सांस

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- निशान्त दुनिया भर में विकास का पहिया कुछ इस रफ्तार से घूमता हुआ आगे बढ़ रहा है कि तमाम कोशिशों के बावजूद, पीछे जानलेवा हवाओं का गुबार छोड़ रहा है। जी हाँ, फिलहाल दुनिया के तमाम बड़े शहर में रहने वाले लोग जानलेवा हवाओं में सांस ले रहे हैं। दुनिया भर के 7000 शहरों में वायु गुणवत्ता से जुड़े एक विश्लेषण में यह भी पता चलता है कि बात जब PM 2.5 के स्तरों की होती है तब हमारे देश की राजधानी दिल्ली सबसे ऊपर आती है। दरअसल अमेरिका स्थित शोध संगठन हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (एचईआई) द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े शहर और शहरी क्षेत्र इस वक़्त सबसे खराब वायु गुणवत्ता का सामना कर रहे हैं। एचईआई के स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर इनिशिएटिव द्वारा जारी एयर क्वालिटी एंड हेल्थ इन सिटीज़ नाम की यह नई रिपोर्ट दुनिया भर के 7,000 से अधिक शहरों के लिए वायु प्रदूषण और वैश्विक स्वास्थ्य प्रभावो...

श्रीलंका के हालात से दुनिया के देशों को लेना होगा सबक

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा अव्यावहारिक योजनाएं और जिद किस तरह से किसी देश को रसातल में ले जा सकती है, इसका ताजातरीन उदाहरण श्रीलंका में देखा जा सकता है। पूर्ववर्ती सरकार की जैविक खेती की जिद ने ऐसा संकट खड़ा किया कि श्रीलंका आज दोराहे पर खड़ा हो गया। दरअसल श्रीलंका की पूर्व सरकार के पतन के अन्य कारणों के साथ देश में अन्न संकट का होना रहा। अन्न संकट का कारण भी वहां की नई नीति रही और श्रीलंका सरकार की जैविक खेती की जिद ने उसे गंभीर संकट में धकेल दिया। सरकार ने 2021 में श्रीलंका में सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग पर रोक लगा दी। इसके साथ ही देश के 20 लाख किसानों को जैविक खेती का तुगलकी आदेश दिया गया। तुगलकी इस मायने में कि किसी भी प्रयोग को व्यावहारिक रूप देने से पहले उसके संभावित परिणाम को अवश्य समझना चाहिए। कोई भी नया प्रयोग किया जाता है तो उसके लाभ-हानि का आकलन कर...

दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले करीब 60 फीसदी टीके भारतीय : सीतारमण

देश, बिज़नेस
-वित्त मंत्री ने कहा, अब तक कोरोना वैक्सीन की दी जा चुकी 208.57 करोड़ खुराकें नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले सभी तरह के टीकों में करीब 60 फीसदी का उत्पादन (produces about 60 percent of vaccines) भारत (India) में होता है। उन्होंने कहा कि दशकों से भारत ने दुनिया के टीकाकरण अभियान में उल्लेखनीय योगदान दिया है। सीतारमण ने बुधवार को यहां 'इंडियाज वैक्सीन ग्रोथ स्टोरी' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन के दौरान भी कोरोना टीकों का उत्पादन किया गया। इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन और लोगों को खुराक देना आसान नहीं था। इसके बावजूद प्रत्येक भारतीय नागरिक को कोरोना वैक्सीन की दोहरी खुराक दी गई और अब बूस्टर डोज दी जा रही है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अतिरिक्त सच...

भारत जैसी देव भूमि विश्व में कहीं नहीं : मंत्री उषा ठाकुर

देश, मध्य प्रदेश
- प्रख्यात गायक शान ने देश-भक्ति गीतों की दी संगीतमयी प्रस्तुति भोपाल। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने कहा कि भारत (India) जैसी देवभूमि (Devbhoomi) विश्व में कहीं नहीं है। यह देवभूमि ईश्वर ने बनाई है। यहां कण-कण में शंकर और बूंद-बूंद में गंगाजल है। मंत्री उषा ठाकुर सोमवार शाम को भोपाल के रवीन्द्र भवन में स्वतंत्रता दिवस की संध्या (independence day eve) पर "आज़ादी का महापर्व" कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारत को 21वीं सदी का विश्व-गुरु बनाना है, तो यहाँ के वास्तविक इतिहास को जानना आवश्यक है। मंत्री उषा ठाकुर ने सभी प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने घर की बैठक में एक वीर क्रांतिकारी या महापुरुष का चित्र अवश्य लगाएँ। यह चित्र परिवार के चित्त की वृत्ति का निर्माण करेगा। भारत माँ के वीर सपूतों और क्रांतिकारियों को घर में स्थान देना उनके प...