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MP में 3500 केन्द्रों में महिला और 250 पर दिव्यांग कर्मियों द्वारा कराया जाएगा मतदान

MP में 3500 केन्द्रों में महिला और 250 पर दिव्यांग कर्मियों द्वारा कराया जाएगा मतदान

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। लोकसभा निर्वाचन-2024 (Lok Sabha elections-2024) में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 3500 मतदान केन्द्रों (3500 polling stations) पर महिला मतदान कर्मियों (female poll workers) द्वारा मतदान कराया जाएगा। इन मतदान केन्द्रों पर तैनात पूरा मतदान दल महिला अधिकारी-कर्मचारी का होगा। इसी प्रकार लगभग 250 मतदान केन्द्रों पर दिव्यांग मतदान कर्मियों द्वारा मतदान कराया जाएगा। इन मतदान केन्द्रों पर मतदान दल दिव्यांग अधिकारी-कर्मचारी का ही होगा। यह जानकारी गुरुवार को प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने दी। उन्होंने बताया कि लोकसभा निर्वाचन-2024 के संचालन के लिये लगभग 5 लाख 20 हजार मतदान कर्मी, सेक्टर ऑफिसर, पुलिस कर्मी के रूप में अधिकारियों-कर्मचारियों की निर्वाचन ड्यूटी लगायी जा रही है। मतदान के दिन प्रत्येक मतदान केन्द्र में संबंधित बीएलओ भी उपस्थित रहेंगे। उनके पास वर्णा...
गांव की महिलाएं भी आसानी से कर सकती हैं डिजिटल सुविधाओं का इस्तेमाल: सीतारमण

गांव की महिलाएं भी आसानी से कर सकती हैं डिजिटल सुविधाओं का इस्तेमाल: सीतारमण

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री (Union Finance and Corporate Affairs Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के डिजिटल विकास के दशक ने महात्मा गांधी की परिकल्पना के अनुसार स्वतंत्रता के लाभों को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि अब डिजिटल सुविधाओं का इस्तेमाल गांव में रहने वाली सामान्य महिलाएं भी आसानी से कर सकती हैं। सीतारमण ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्थित इंदिरा गांधी कॉलेज (एसआईजीसी) में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण के बाद आयोजित समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए यह बात कही। वित्त मंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल परिवर्तन से महात्मा गांधी द्वारा परिकल्पित स्वतंत्रता के लाभ पिछले 10 सालों में तेज हो गए हैं। उन्होंने अपने संबोधन में ब...
स्त्री और पुरुष; समानता के हक में है यूसीसी

स्त्री और पुरुष; समानता के हक में है यूसीसी

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी उत्तराखंड में चल रहे विधानसभा सत्र के बीच अपने घर से निकलते समय संविधान की मूल प्रति को लेकर सदन पहुंचने के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ओर यह कहकर देश में नई बहस शुरू कर दी है कि ''देश के संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं के अनुरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 को सार्थकता प्रदान करने की दिशा में आज का दिन देवभूमि उत्तराखंड के लिए विशेष है। देश का संविधान हमें समानता और समरसता के लिए प्रेरित करता है और समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की प्रतिबद्धता इस प्रेरणा को साकार करने के लिए एक सेतु का कार्य करेगी।'' इसके साथ सदन में पहुंचकर उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को सदन के पटल पर रख यह बता दिया है कि प्रत्येक नागरिक की समानता को लेकर जो शुरुआत उत्तराखंड से हुई है, वह अब अनेक राज्यों में होते हुए केंद्र तक जाएगी। देहरादून स्थित जामा मस्जिद श...
अपराधों से जूझती आधी आबादी

अपराधों से जूझती आधी आबादी

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट में एक बार फिर महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की चिंताजनक तस्वीर उभर कर सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में महिलाओं के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 4,28,278 और 2020 में 3,71,503 था। महिलाओं के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं के ये मामले 2021 की तुलना में करीब चार प्रतिशत ज्यादा हैं। आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार महिला सशक्तिकरण का कितना भी दावा करे, वास्तविकता यही है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों में कोई सुधार नहीं आया है। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध सबसे ज्यादा बढ़े हैं, जबकि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर सर्वाधिक बताई गई है। दूसरे राज्यों के मुकाबले उत्तरप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलो...
एशियाई खेल : महिलाओं की 5000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय बनीं पारुल चौधरी

एशियाई खेल : महिलाओं की 5000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय बनीं पारुल चौधरी

खेल
हांगझू। भारतीय धावक पारुल चौधरी ने मंगलवार को एशियाई खेलों में महिलाओं की 5000 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। सोमवार को महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में रजत पदक जीतने के बाद मैदान पर लौटते हुए, पारुल ने 15:14.75 के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। वह एशियाई खेलों में महिलाओं की 5000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। पारुल ने विजयी होने के लिए समर्पण और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। वह अंत के लगभग 20 मीटर दौड़ में दूसरे स्थान पर रहीं थीं, लेकिन इसके बाद उन्होंने जापान की रिरिका हिरोनका को पीछे छोड़ने के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया और स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। प्रतियोगिता में एक अन्य एथलीट अंकिता, जो शुरू में शीर्ष चार में थी,15:33.03 के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ के साथ पांचवें स्थान पर रहीं...
एशियाई खेल: पारुल ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में रजत पदक जीता, प्रीति को कांस्य

एशियाई खेल: पारुल ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में रजत पदक जीता, प्रीति को कांस्य

खेल
हांगझू। एशियाई खेलों में एथलेटिक्स में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है। सोमवार को महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में पारुल चौधरी ने रजत और प्रीति ने कांस्य पदक जीता। पारुल ने 9:27.63 सेकेंड का अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर बहरीन की विन्फ्रेड म्यूटाइल के पीछे पोडियम स्थान हासिल किया, जिन्होंने 9:18.28 सेकेंड का एशियाई खेलों का रिकॉर्ड समय बनाया। दूसरी ओर, प्रीति ने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय 9:43.32 सेकेंड का समय निकालकर कांस्य पदक जीता। इससे पहले रविवार को भारत ने 15 पदक जीते, जिसमें 9 पदक अकेले एथलेटिक्स में आए। ट्रैक एवं फील्ड एथलीट अविनाश साबले ने एशियाई खेलों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए महाद्वीपीय प्रतियोगिता में भारत के लिए पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में पहला स्वर्ण पदक आसानी से हासिल कर लिया। तजिंदरपाल सिंह तूर ने 20.36 मीटर के अपने छठे और अंतिम प्रयास के ...
स्त्रियों के लिए समान दृष्टिकोण जरूरी: नमिता गोखले

स्त्रियों के लिए समान दृष्टिकोण जरूरी: नमिता गोखले

देश, मध्य प्रदेश
- अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' का समापन, अंतिम दिन 23 कार्यक्रमों में 160 साहित्यकारों ने लिया भाग भोपाल (Bhopal)। प्रख्यात लेखिका और प्रकाशक नमिता गोखले (Namita Gokhale) ने कहा कि सही मायने में नारीवाद का मतलब (meaning of feminism) सभी के लिए समान दृष्टि (common vision for all) होना है। उन्होंने प्राचीन काल से महिलाओं द्वारा लिखे साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि लेखन की परंपरा (tradition of writing) आज भी जारी है। वक्ता सी. मृणालिनी ने नारी साहित्य की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि इस साहित्य ने नारी स्वतंत्रता के नए द्वार खोले हैं। नमिता गोखले राजधानी भोपाल में आयोजित चार दिवसीय एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' के अंतिम दिन नारीवाद और साहित्य विषय पर महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रही थीं। रविवार को इस उत्सव में अंतिम दिन कुल 2...

ऑनलाइन गेम का मकड़जाल

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ऑनलाइन गेम के प्रति बढ़ती दुनिया की दीवानगी चिंतनीय है। आज ऑनलाइन गेमिंग की ग्रोथ रेट यानी कि इसके प्रति लोगों का रुझान 12 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है। नित नए गेम मार्केट में आ रहे हैं। दिन प्रतिदिन नए लोग इनके मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं। बच्चे तो बच्चे अब तो महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। लुमिकाई की हालिया रिपोर्ट के अनुसार आनॅनलाइन गेमिंग में महिलाओं के हिस्सेदारी बढ़ते-बढ़ते 43 फीसदी का आंकड़ा छू गई है। दरअसर ऑनलाइन गेमिंग के जहां बुद्धि कौशल विकास के फायदे बताए जा रहे हैं, वहीं नुकसानों की गिनती की जाए तो वह कहीं ज्यादा है। यहां तक कि गेमिंग के चक्कर में कई बच्चे और युवा जिंदगी तक दांव पर लगा रहे हैं। यह वास्तव में चिंतनीय और गंभीर हो जाता है। साठ के दशक में रुडोल्फ हेनरिक बेयर ने ऑनलाइन गेमिंग की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पहला गेम बनाया था। तब शायद ही यह बात...
पं. धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में लगा आत्माओं का मेला! झूमते-नाचते पहुंची महिलाएं

पं. धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में लगा आत्माओं का मेला! झूमते-नाचते पहुंची महिलाएं

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में राजगढ़ जिले (Rajgarh district) के खिलचीपुर में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के महंत एवं प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) की तीन दिवसीय कथा का आयोजन हो रहा है। पं. धीरेंद्र शास्त्री ने मंगलवार को कथा के दूसरे दिन दिव्य दरबार लगाया। इस दौरान उन्होंने कई लोगों की पर्ची भी खोली। दिव्य दरबार में बुरी आत्माओं का मेला लग गया। तीन दिवसीय कथा के दूसरे दिन मंगलवार को दोपहर 12.00 बजे दिव्य दरबार लगी। आयोजकों ने मंच पर ही पं. धीरेन्द्र शास्त्री का स्वागत किया। इस दौरान दिव्य दरबार में बाबा ने कई लोगों की पर्चियां खोली। यहां दोपहर 3.00 बजे के बाद बुरी आत्माओं का मेला लगा। मेले में बुरी आत्माओं से पीड़ित महिलाएं झूमते और नाचते हुए पहुंची, जिन्हें सेवादारों ने मंच के पास तक पहुंचाया। महाराज ने मंच से कहा ...