संघ के बिना भाजपा का कोई वजूद ही नहीं
- आर.के. सिन्हा
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत मृदु स्वभाव वाले और मितभाषी हैं। वे किसी खास मुद्दे या अवसर पर ही अपनी बेबाक राय रखते हैं। लेकिन, जब भी वे कुछ कहते हैं तो उसे गौर से सारा देश सुनता और समझने की कोशिश करता है। उनके वक्तव्यों की पूरे देश में विभिन्न कोणों से व्याख्या होने लगती है। हाल ही में आए लोकसभा चुनाव के बाद डॉ. मोहन भागवत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर सांकेतिक और परोक्ष रूप से 'अहंकारी' होने के आरोप लगाकर राजनीतिक क्षेत्रों में, खासकर भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच भूचाल सा ला दिया है।
मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में संघ के कार्यक्रम में कहा कि "एक सच्चा सेवक काम करते समय मर्यादा बनाए रखता है। उसमें कोई अहंकार नहीं होता कि 'मैंने यह किया।' केवल ऐसा व्यक्ति ही सेवक कहलाने का अधिकारी है।'' आखिर वे अहंकार पर चर्चा करके क्या कहना चाहते हैं? ए...