चुनाव में ही कांग्रेस को क्यों याद आते हैं मंदिर
- मृत्युंजय दीक्षित
भारतीय राजनीति में मुस्लिम तुष्टिकरण को चुनाव जीतने का मंत्र मन जाता रहा है किन्तु 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने और फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय दिए जाने के बाद स्थितियों में बड़ा बदलाव आया है। कुछ वर्ष पूर्व तक भारतीय जनता पार्टी की ओर से नारा लगाया जाता था, “रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे” और विरोधी दल पलटवार करते हुए कहते थे, “रामलला हम आएंगें मंदिर वहीं बनाएंगें किंतु तारीख नहीं बताएंगे”। अब सब कुछ परिवर्तित हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ जाने के बाद अयोध्या नगरी में दिव्य-भव्य गगनचुम्बी राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है। रामलला के विराजमान होने की तिथि भी आ गई है। आगामी 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम अपने अस्थायी मंदिर से नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित...