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चुनाव में सिर्फ हिन्दू जातियों पर चर्चा करने वाले कौन?

चुनाव में सिर्फ हिन्दू जातियों पर चर्चा करने वाले कौन?

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा हर बार की तरह इस लोकसभा चुनाव में भी अपने को राजनीति का विद्वान बताने वाले ज्ञानियों ने किस संसदीय क्षेत्र में किसके हक में बयार बह रही है, इस विषय पर लिखना-बताना शुरू कर दिया है। वे अपना विश्लेषण रखते हुए बताते हैं कि वहां ( उस संसदीय क्षेत्र में ) इतने फीसद क्षत्रिय, ब्राह्मण, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, यादव वगैरह हैं। यहां तक तो सब ठीक है। पर जातियों का गणित बताने वाले मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों की जातियों पर मौन ही रहते हैं। उन्हें जातियों के कोढ़ के बारे में सिर्फ हिन्दुओं की ही चर्चा करनी होती है। उन्हें लगता है कि मानों जातियां सिर्फ हिन्दू धर्म में ही हैं। जैसे कि बाकी धर्मावलंबी किसी जात-पात में यकीन नहीं करते। इससे एक बात बहुत साफ हो जानी चाहिए हमारे यह कथित विद्वान देश की जमीनी हकीकत से कितने नावाकिफ हैं। उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि जाति भारत का सच है। कोई इंस...
विश्व स्वास्थ्य दिवस: पहला सुख-निरोगी काया

विश्व स्वास्थ्य दिवस: पहला सुख-निरोगी काया

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- योगेश कुमार गोयल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बैनर तले प्रतिवर्ष 07 अप्रैल को एक खास थीम के साथ ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का प्रमुख उद्देश्य स्वास्थ्य को लेकर विश्व में प्रत्येक व्यक्ति को बीमारियों के प्रति जागरूक करना, लोगों के स्वास्थ्य स्तर को सुधारना और हर व्यक्ति को इलाज की अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना ही है। पूरी दुनिया इस साल ‘मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार’ विषय के साथ 74वां विश्व स्वास्थ्य दिवस मना रही है। यदि पिछले कुछ वर्षों की स्वास्थ्य दिवस की थीम पर नजर डालें तो 2023 का विषय था ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’, 2022 में यह दिवस ‘हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य’, 2021 में ‘सभी के लिए एक निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण’, 2020 में ‘नर्सों और दाइयों का समर्थन करें’ तथा 2019 में ‘सार्वभौमिक स्वास्थ्य: हर कोई, हर जगह’ विषय के साथ मनाया गया...
अब कौन पहुंचाएगा सरकारी संपत्ति को नुकसान?

अब कौन पहुंचाएगा सरकारी संपत्ति को नुकसान?

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा जिस बात का देश से प्रेम करने वाले हरेक नागरिक को दशकों से इंतजार था, वह अब हो गई है। अब किसी आंदोलन के दौरान कथित आंदोलनकारी सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे। यदि नुकसान पहुंचाया तो उन्हें सख्त सजा होगी। हमारे यहां सरकार से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन करने वाले आमतौर पर सरकारी बसों, इमारतों, रेलों और दूसरी सार्वजनिक संपतियों को बेशर्मी से तोड़ते रहे हैं। कहना न होगा आजाद भारत में इस कारण से सत्तर सालों में अरबों-खरबों रुपये का नुकसान हुआ। जिन्होंने नुकसान किया उन्हें किसी ने कुछ नहीं कहा। वे दशकों से मौज करते रहे। उनमें से कई बड़े नेता भी बन गए। पर अब आगे किसी ने सरकारी संपत्तियों को हानि पहुंचाई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इसलिए ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पिछले मंगलवार को संसद में पेश भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 के अपडेटेड व...
समूह की बहनों की तरफ आँख उठाने वालों, छोड़ूँगा नहीं: शिवराज

समूह की बहनों की तरफ आँख उठाने वालों, छोड़ूँगा नहीं: शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने शनिवार को भाजपा प्रत्याशियों (BJP candidates) के समर्थन में मनावर, गंधवानी, सरदारपुर, धार समेत इंदौर की चार विधानसभाओं में देर रात तक रोड शो कर कुल 10 चुनावी जनसभाओं (10 election public meetings) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कमलनाथ (Kamalnath) ने सवा साल में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) को तबाह और बर्बाद कर दिया था। वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार और दलालों का अड्डा बना दिया था। कांग्रेस ने प्रदेश में विकास की एक ईट भी नहीं लगाई है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का विकास केवल भाजपा सरकार ने ही किया है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नेतृत्व में देश प्रगति कर रहा हैं तो वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश भी विकास के नए कीर्तिमान स्थापित क...
कौन भूल सकता है क्रांतिदूत भाई परमानंद को

कौन भूल सकता है क्रांतिदूत भाई परमानंद को

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- रमेश शर्मा सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी भाई परमानंद को कौन भूल सकता है। चार नवंबर, 1870 को झेलम जिले के करियाला गांव में जन्मे भाई परमानंद ने काला पानी की सजा काट रहे भगत सिंह और राजगुरु जैसे क्रांतिदूत तैयार किए। करियाला गांव अब पाकिस्तान में है। भाई जी के परिवार की पृष्ठभूमि राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान की रही है । गुरु तेगबहादुर के साथ अपने प्राणों की आहुति देने वाले भाई मतिदास इन्हीं के पूर्वज हैं । उनके परिवार की ऐसी कोई पीढ़ी नहीं, जिसने राष्ट्र के लिए बलिदान न दिया हो । पिता ताराचंद ने किशोरवय में 1857 की क्रान्ति के संदेश वाहक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस क्रांति की विफलता के बाद वे आर्य समाज से मिलकर सांस्कृतिक गौरव जागरण के काम में लग गये थे । इसलिये राष्ट्र और संस्कृति के समर्पण के संस्कार भाई परमानंद को बचपन से मिले। भाई परमानंद ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। ब...
डब्लूएचओ-दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक चुनाव: भारत किसे चुनेगा- नेपाल या बांग्लादेश

डब्लूएचओ-दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक चुनाव: भारत किसे चुनेगा- नेपाल या बांग्लादेश

अवर्गीकृत
- संजीव इस बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक का चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। चुनाव में भारतीय उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद भारत की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है। भारत के सामने धर्मसंकट यह है कि इस पद के दोनों उम्मीदवार भारत के करीबी मित्र देश क्रमशः बांग्लादेश और नेपाल से हैं। ऐसे में भारत के लिए कोई फैसला करना आसान नहीं होगा। भारतीय मूल की पूनम खेत्रपाल सिंह इस समय डब्लूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया (एसईएआरओ) की क्षेत्रीय निदेशक हैं, जो 2014 से इस पद पर हैं। वे इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं। 2018 में उन्हें सर्वसम्मति से दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था। पांच साल के कार्यकाल वाले इस पद के चुनाव के लिए दिल्ली में 30 अक्टूबर से 2 नवंबर को बंद कमरे में सदस्य देशों की बैठक होगी। इसमें भारत सहित 11 देश बांग्लादेश, भूटान, उत्तर कोरिया, इंडोनेशि...
मंकीपॉक्स अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं : डब्ल्यूएचओ

मंकीपॉक्स अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं : डब्ल्यूएचओ

विदेश
जेनेवा (Geneva)। मंकीपॉक्स (Monkeypox) अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी) नहीं (no longer a global health emergency) रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization (WHO)) द्वारा जारी रिपोर्ट में मंकी पॉक्स (एमपॉक्स) को लेकर यह राहत भरी जानकारी दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ ट्रेडोस डनॉम गेब्रियेसस ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मंकी पॉक्स अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह हुई बैठक के बाद एमपॉक्स के लिए आपातकालीन समिति ने आपातकाल को बंद करने की सलाह दी थी जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है और सौ से अधिक देशों में इसके मामलों की पुष्टि हुई थी। उन्होंने आगे कहा कि भले ही एमपॉक्स अब ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं है कि इससे बचाव की जरूरत भी...
मप्रः कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले नवनियुक्त शिक्षकों को अंतिम अवसर

मप्रः कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले नवनियुक्त शिक्षकों को अंतिम अवसर

देश, मध्य प्रदेश
- अभ्यावेदन के साथ 10 मई तक लोक शिक्षण संचालनालय में होना होगा उपस्थित भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक नवनियुक्त शिक्षकों (newly appointed teachers) के लिए जारी नियुक्ति आदेश में 15 दिवस की समयावधि में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश थे। इसके बाद भी कार्यभार ग्रहण नहीं (not take charge) करने वाले नव-नियुक्त शिक्षकों को अंतिम अवसर (last chance) प्रदान किया गया है। उन्हें अभ्यावेदन के साथ 10 मई तक लोक शिक्षण संचालनालय में उपस्थित होना होगा। इस संबंध में लोक शिक्षण आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने रविवार को बताया कि ऐसे अभ्यर्थियों को उनके पदांकित जिले में 27 अप्रैल 2023 तक कार्यभार ग्रहण करने के लिए अंतिम रूप से सूचित किया गया था। कुछ नवनियुक्त शिक्षकों द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं किया...
Covid-19: डब्‍ल्‍यूएचओ ने उच्च संक्रमण वाले देशों के यात्रियों को मास्क पहनने की दी सलाह

Covid-19: डब्‍ल्‍यूएचओ ने उच्च संक्रमण वाले देशों के यात्रियों को मास्क पहनने की दी सलाह

विदेश
वाशिंगटन (Washington) । दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन (omicron) के सब-वैरिएंट XBB.1.5 का प्रसार तेजी से हो रहा है। विशेष तौर पर यह वैरिएंट संयुक्त राज्य अमेरिका में धीरे-धीरे अपना असर दिखा रहा है, जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से अपील की है कि वे ऐसे देश जहां कोरोना संक्रमण (corona infection) का प्रकोप ज्यादा है, वहां की यात्रा करने वाले अपने यात्रियों को मास्क (mask) पहनने की सलाह दें। डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी - कैथरीन स्मॉलवुड ने मंगलवार को कहा, लंबी दूरी व उच्च जोखिम वाली जगहों पर जाने वाले यात्रियों को मास्क पहनने की सलाह दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, देशों को यात्रा से पूर्व परीक्षण को साक्ष्य के तौर पर रखने की जरूरत है और यदि कार्रवाई पर विचार किया जाता है, तो यात्रा उपायों को गैर-भेदभावपूर्ण तरी...