भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?
डॉ. वेदप्रताप वैदिक
सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार से दो-टूक शब्दों में अनुरोध किया है कि वह लोगों की अंधाधुंध गिरफ्तारी पर रोक लगाए। भारत की जेलों में बंद लगभग 5 लाख कैदियों में से लगभग 4 लाख ऐसे हैं, जिनके अपराध अभी तक सिद्ध नहीं हुए हैं। अदालत ने उन्हें अपराधी घोषित नहीं किया है। उन पर मुकदमे अगले 5-10 साल तक चलते रहते हैं और उनमें से ज्यादातर लोग बरी हो जाते हैं। हमारी अदालतों में करोड़ों मामले बरसों झूलते रहते हैं और लोगों को न्याय की जगह अन्याय मिलता रहता है।
अंग्रेजों के जमाने में गुलाम भारत पर जो कानून लादे गए थे, वे अब तक चले आ रहे हैं। स्वतंत्र भारत की सरकारों ने कुछ कानून जरूर बदले हैं लेकिन अब भी पुलिसवाले चाहे जिसको गिरफ्तार कर लेते हैं। बस उसके खिलाफ एक एफआईआर लिखी होनी चाहिए जबकि कानून के अनुसार सिर्फ उन्हीं लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए जिनके अपराध पर सात साल से ज...