Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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आप कब शुरू करेंगे छोटे और मोटे अनाज का भोजन

आप कब शुरू करेंगे छोटे और मोटे अनाज का भोजन

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- आर.के. सिन्हा कुछ ही दिन पहले हिन्द महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के त्रिवेणी संगम पर स्थित कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद परिसर के विशाल सभागार में आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित “इंटरनेशनल आयुष समिट” का तीन दिवसीय आयोजन हुआ था, जिसका “की नोट स्पीच” मैंने दिया था और समारोह का उद्घाटन केरल के माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान साहब ने किया। मेरा पूरा व्याख्यान रोगों से बचाव में छोटे और मोटे अनाज यानी मिलेट्स की उपयोगिता को लेकर ही था। मैंने उपस्थित सैकड़ों डॉक्टरों और विभिन्न मेडिकल कॉलेज के छात्रों से यही कहा कि आप अच्छे डॉक्टर मात्र बड़ी कम्पनियों की अच्छी और महंगी दवाइयां लिखने भर से नहीं कहे जायेंगे, बल्कि अच्छे डॉक्टर बनने के लिए आपको अपने मरीजों को यह भी बताना होगा कि वे जिस रोग से ग्रसित हैं, वे रोग उन्हें हुये क्यों और उससे बचा कैसे जा सकता है। यदि डॉक्टर रोगों की प्रति...
कोहरा: हवाई और रेल यात्रा की कब सुध ली जाएगी?

कोहरा: हवाई और रेल यात्रा की कब सुध ली जाएगी?

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- ऋतुपर्ण दवे आमजन की यात्रा सुविधा के नाम पर संचालित सरकारी सेवाएं बेहद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रही हैं। चाहे हवाई यात्रा हो या रेल, हर रोज करोड़ों लोग परेशान हो रहे हैं। इनमें वो भी हैं जिन्हें हर हालत में अपनी नियत तिथि पर वांछित गंतव्य पर पहुंचना होता है और वो भी जिन्हें दो कनेक्टिविटी के सहारे यात्रा पूरी करनी पड़ती है। भारत में सही समय पर यात्रा पूरी होने की न तो किसी की गारंटी है और न ही कोई इस बदहाली को चुनौती ही दे सकता है। हर रोज पूरे देश में बड़ी संख्या में हवाई और रेल सेवाएं लेटलतीफी का शिकार हो रही हैं। जिसके जवाब में प्री रिकॉर्डेड चार शब्द ‘असुविधा के लिए खेद है’ काफी हैं। इन दिनों तो घने कोहरे के चलते स्थिति और भी बदतर है। देश में औसतन ढाई से तीन हजार फ्लाइट्स रोजाना लगभग 4,56,000 यात्रियों को मुकाम तक पहुंचाती हैं। वहीं 8 अक्टूबर 2023 का एक आंकड़ा बताता है कि रेल...
यौन शोषण पीड़ित बच्चों को कब मिलेगा न्याय?

यौन शोषण पीड़ित बच्चों को कब मिलेगा न्याय?

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- विनायक दास केंद्र सरकार की तमाम नीतियों, प्रयासों और वित्तीय प्रतिबद्धताओं के बावजूद पॉक्सो के मामलों की सुनवाई के लिए बनाई गई विशेष त्वरित अदालतों में 31 जनवरी 2023 तक देश में 2,43,237 मामले लंबित थे। अगर लंबित मामलों की इस संख्या में एक भी नया मामला नहीं जोड़ा जाए तो भी इन सारे मामलों के निपटारे में कम से कम नौ साल का समय लगेगा। अरुणाचल प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में पॉक्सो के लंबित मामलों के निपटारे में 25 से ज्यादा साल तक का समय लग सकता है। साथ ही 2022 में पॉक्सो के सिर्फ तीन फीसदी मामलों में सजा सुनाई गई। ये चौंकाने वाले तथ्य विधि एवं कानून मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर केंद्रित इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) की ओर से जारी शोधपत्र ‘जस्टिस अवेट्स : ऐन एनालिसिस ऑफ द एफिकेसी ऑफ जस्टिस डेलिवरी मैकेनिज्म्स इन केसेज ऑ...
वीर शिवाजी की जगदंबा तलवार कब आएगी लंदन से

वीर शिवाजी की जगदंबा तलवार कब आएगी लंदन से

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- कौशिक कृष्ण मेहता राष्ट्रीय अस्मिता की आन-बान-शान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध भाजपा नीत केंद्र सरकार की कोशिश से छत्रपति शिवाजी महाराज के वाघ नख के लंदन से आने का मार्ग प्रशस्त होने के साथ बड़ा सवाल यह पूछा जा रहा है कि क्या जगदंबा तलवार को लाने की कोशिश भी की जाएगी। लोगों का सवाल पूछना जायज है। वह इसलिए कि मोदी है तो सब मुमकिन है। इसलिए देश की उम्मीदें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बढ़ जाती हैं। वाघ नख भारत के गौरव का प्रतीक है। शिवाजी महाराज ने 1659 में इसी से ही बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मौत के घाट उतारा था। यह वाघ नख राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है। वह छत्रपति शिवाजी के शौर्य, साहस और पराक्रम की प्रतीक है। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार कह चुके हैं कि ब्रिटेन के अधिकारियों ने अपने एक पत्र में वाघ नख वापस देने पर रजामंदी जता दी है। बाघ के पंजों से प्...
नूंह वाली जिहादी मानसिकता से आखिर देश कब आजाद होगा?

नूंह वाली जिहादी मानसिकता से आखिर देश कब आजाद होगा?

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी हरियाणा के मेवात में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान जो बवाल हुआ, उसमें दो होमगार्ड्स की मौत होने के साथ ही 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए। 120 से अधिक कारों और अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पूरी योजना बनाकर की गई यह आगजनी और हिंसा नूंह से होती हुई आसपास के कई जिलों में फैल गयी। मेवात से शुरू हुए एक वर्ग विशेष के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से हिंसा के इस तांडव में एक बात और रेखांकित करने वाली है। कथित तौर पर अल्पसंख्यक वर्ग के नाबालिग बच्चों, युवाओं और यहां तक कि बुजुर्गों के साथ ही महिलाएं भी पत्थरबाजी में साथ देती हुई देखी गईं। जिस ब्रजमंडल यात्रा को सबसे पहले निशाना बनाया गया, उस यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं थीं। हिन्दू समाज में किसी भी धार्मिक आयोजन में महिलाएं हमेशा से अग्रणी और प्रमुख भूमिका निभाती रही हैं। ब्रजमंडल यात्रा के लिए भी बड़ी संख्या...
चीन में मुस्लिमों की दुर्दशा पर कब आवाज उठाएंगे ईरान-सऊदी

चीन में मुस्लिमों की दुर्दशा पर कब आवाज उठाएंगे ईरान-सऊदी

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- आर.के. सिन्हा बताया जा रहा है कि एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे सऊदी अरब और ईरान ने अपनी सारी पुरानी अदावत को भूलकर दोस्ती करने का फैसला किया है। इन दोनों देशों को करीबी लाने का श्रेय अब हैरानी की बात यह है कि चीन को दिया जा रहा है। दरअसल सऊदी अरब में एक शिया मौलवी को 2016 में फांसी की सजा दी गई थी और इसी मुद्दे पर 2016 में सऊदी अरब और ईरान के कूटनीतिक संबंध खत्म हो गए थे। तब से ये दोनों देश एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए थे। सऊदी अरब खुद को सरी दुनिया के सुन्नी मुसलमानों का रहनुमा मानता है और ईरान अपने को शिया मुसलमानों का। ऐसे में इन दोनों के कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने के फैसले से सारी दुनिया कुछ हैरान तो अवश्य है। आप जानते हैं कि दोनों ही देश तेल उत्पादक देश हैं। दोनों ही देश अपने व्यवसायिक दिलचस्पी के वर्चस्व की लड़ाई लड़ते हैं पर यहां एक जरूरी चिंता को नजरअंदाज किया जा रहा है। क्या सऊदी...
कनाडा और आस्ट्रेलिया में कब कुचले जाएंगे खालिस्तानी

कनाडा और आस्ट्रेलिया में कब कुचले जाएंगे खालिस्तानी

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- आर.के. सिन्हा अब तक जो मोटा-मोटी कनाडा में हो रहा था, वह अब ऑस्ट्रेलिया में भी होने लगा है। इन दोनों ही देशों में खालिस्तानियों की भारत विरोधी हरकतें लगातार बढ़ रही हैं। ये लफंगे खालिस्तानी कनाडा और आस्ट्रेलिया में भारतीय नागरिकों के साथ मारपीट कर रहे हैं और हिन्दू मंदिरों पर पथराव करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। चूंकि ये दोनों देश भारत के मित्र माने जाते हैं, इसलिए वहां पर हो रही घटनाओं से हरेक भारतीय का चिंतित होना जरूरी है । कुछ भटके हुए नौजवान, जो अपने को खालिस्तानी कहते हैं, खुलकर भारत के खिलाफ मैदान में आ गए हैं। इन्होंने तिरंगा लेकर चल रहे भारतीयों पर आस्ट्रेलिया में हमला किया। वायरल वीडियो में कुछ लोग खालिस्तानी झंडा लहराते हुए नजर आ रहे हैं। कुछ भारतीय नागरिक अपने हाथों में तिरंगा लेकर आगे बढ़ रहे हैं, तभी खालिस्तानी उन पर हमला बोल देते हैं। उपद्रवियों के हाथ में लोहे की रॉडें थ...