मुशर्रफ उतारना चाहते थे जन्मभूमि का ऋण
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
इधर पिछले चार-साल से जब भी मैं दुबई आता था तो जनरल परवेज मुशर्रफ से लंबी मुलाकातें हो जाती थीं। पिछले महीने विश्व हिंदी दिवस के सिलसिले में दुबई आया तो उनकी पत्नी सहबाजी से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने बताया कि उनकी हालत ऐसी नहीं है कि वे किसी से बात कर सकें। वे लगभग बेहोश ही रहते हैं। इस बार दुबई आया तो फोन किया पर किसी ने भी नहीं उठाया। रविवार को मालूम पड़ा कि उनका निधन हो गया।
यदि मुशर्रफ कुछ वर्ष और जीते और स्वस्थ रहते तो शायद अपना सारा समय वे भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने में बिता देते। यह बात मैं उन्हीं मुशर्रफ के बारे में कह रहा हूं, जिन्होंने करगिल युद्ध भारत के विरुद्ध छेड़ा था। भारत से अच्छे संबंध बनाने के इच्छुक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्तापलट कर इन्हीं मुशर्रफ ने 1999 में किया था।
मुशर्रफ ने जिस दिन मियां नवाज का तख्ता उलटा था, उस दिन संयोग की बात ह...