Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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इस बार जनादेश के मायने

इस बार जनादेश के मायने

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा अठारहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि मतदाता के मन को समझना इतना आसान नहीं हैं। इसी तरह से एग्जिट पोल के परिणामों और धरातलीय परिणामों में अंतर से साफ हो जाता है कि मतदाता खुलता भी नहीं है तो किसके पक्ष में मतदान करके आया है उसे वह मुखर होकर बताता भी नहीं है। चुनाव परिणामों से सट्टा बाजार की भी पोल खुल कर रह गई है। ऐसे में सवाल यह हो जाता है कि मतदाता इस जनादेश के माध्यम से आखिर संदेश क्या देना चाहते है? लोकसभा चुनाव परिणाम से यह तो साफ हो गया है कि मतदाता ने एनडीए को तीसरी बार सरकार चलाने का अवसर दे दिया है। बहुमत के 272 की तुलना में एनडीए को 293 सीटें मिली हैं। यह अलग बात है कि पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भाजपा अकेले स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई। बावजूद इसके वह लोकसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। देखा जाए तो 10 सा...
परिणाम तय है इसलिए मतदाता उदासीन

परिणाम तय है इसलिए मतदाता उदासीन

अवर्गीकृत
- सुरेन्द्र चतुर्वेदी अठारहवीं लोकसभा के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान हो गया। सभी 102 सीटों में से ज्यादातर में मतदान के प्रतिशत में कमी आई है। इससे यह माना जा रहा है कि मतदाताओं में चुनाव के प्रति वह उत्साह और उमंग नहीं था, जिसकी उम्मीद राजनीतिक दल विशेष रूप से भाजपा लगाए बैठी थी । तो क्या भाजपा को इससे निराश होने की जरूरत है ? या कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को इसमें से किसी अप्रत्याशित परिणाम की उम्मीद रखनी चाहिए ? दोनों ही प्रश्नों का एक ही जवाब है, नहीं। यह सही है कि भारतीय जनता पार्टी को मोदी सरकार के कामकाज पर मतदाताओं की ओर से जोरदार समर्थन की उम्मीद थी और विपक्षी दलों को लगता था कि जनता महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सड़क पर आ जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका एक ही मतलब है कि मतदाता ने परिवर्तन करने से ही इनकार कर दिया। हां, अब बहस सिर्फ इस बात पर हो सकती है कि भाजप...
मॉडल एवं पिंक बूथ पर वैलकम ड्रिंक से हो मतदाताओं का स्वागतः कलेक्टर रुचिका चौहान

मॉडल एवं पिंक बूथ पर वैलकम ड्रिंक से हो मतदाताओं का स्वागतः कलेक्टर रुचिका चौहान

देश, मध्य प्रदेश
- गर्मी के मौसम को ध्यान में रखकर मतदान केन्द्रों पर शीतल पेय व छाया की पुख्ता व्यवस्था पर जोर ग्वालियर (Gwalior)। गर्मी के मौसम (summer season) को ध्यान में रखकर सभी मतदान केन्द्रों (polling stations) पर मतदान दिवस के एक दिन पहले से ही शीतल पेयजल (soft drinking water) के लिए घड़े भरकर रखवाएँ। गर्भवती माताओं (expectant mothers), बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं के छायादार स्थान पर बैठने की व्यवस्था करें। खासतौर पर आदर्श मतदान केन्द्र और पिंक बूथ (pink booth) पर ऐसी व्यवस्थायें हों कि वोट डालने आए मतदाताओं को वैलकम ड्रिंक के रूप में नीबू पानी या ओआरएस का घोल पीने के लिये मिले। इस निर्देश सोमवार को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने निर्वाचन से संबंधित विभिन्न प्रकोष्ठों के नोडल अधिकारियों की बैठक में चुनाव तैयारियों की समीक्षा करते हुए दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि मतदान केन...
पहली बार मतदाता बने युवाओं की लोकतंत्र के उत्सव में बड़ी भूमिका

पहली बार मतदाता बने युवाओं की लोकतंत्र के उत्सव में बड़ी भूमिका

अवर्गीकृत
- नीरज चोपड़ा खिलाड़ी अपने समर्पण, दृढ़ता और टीम भावना के माध्यम से देश की सेवा करते हैं। चाहे घरेलू मैदान हो या विदेशी, देश की जर्सी पहनना एक विशेषाधिकार और जिम्मेदारी दोनों है। लेकिन दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में हम खिलाड़ी और युवा भारतीय एक और विशेषाधिकार की आकांक्षा करते हैं-वह है मतदान। चुनाव लोकतंत्र का आधार होता हैं, जो नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का महत्वपूर्ण अधिकार देता है। हालांकि, यह अधिकार निष्क्रिय नहीं है, चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होना एक कर्तव्य है, विशेषकर युवाओं का। ऐतिहासिक रूप से, युवाओं ने सामाजिक परिवर्तन का नेतृत्व किया है और चुनावों में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए, मतदाता पंजीकरण से लेकर जमीनी स्तर पर प्रचार अभियान तक के प्रत्येक चरण में युवाओं की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होत...
ड्रीम बजट से मतदाताओं को साधेंगे गहलोत

ड्रीम बजट से मतदाताओं को साधेंगे गहलोत

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी साल में अपना ड्रीम बजट विधानसभा में पेश कर दिया है। उनकी सरकार के इस कार्यकाल का यह अंतिम बजट है। इस वर्ष के अंत में राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में बजट का लोक लुभावना होना स्वाभाविक ही है। मतदाताओं को लुभाने के लिए गहलोत ने बजट में राहतों का पिटारा खोला है। आमजन के लिए नई योजनाओं की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री का पूरा प्रयास है कि राजस्थान में हर बार सरकार बदलने के मिथक को तोड़ा जाए। इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश के आम मतदाताओं को बजट के माध्यम से लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बजट से पहले ही मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि इस बार के बजट का पूरा फोकस युवा व महिलाओं पर होगा। यह बजट में देखने को मिल भी रहा है। बजट में गहलोत ने समाज के किसी भी तबके को राहत देने से वंचित नहीं रखा है। मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत तीस...
मप्र : अपने घर से दूर के मतदाताओं को मिलेगी रिमोट वोटिंग मशीन से वोट डालने की सुविधा

मप्र : अपने घर से दूर के मतदाताओं को मिलेगी रिमोट वोटिंग मशीन से वोट डालने की सुविधा

देश, मध्य प्रदेश
- भारत निर्वाचन आयोग ने शुरू की तैयारी भोपाल। मतदाताओं को जल्द ही रिमोट वोटिंग मशीन (आरवीएम) से मतदान करने की सुविधा मिलेगी। हालांकि यह सुविधा उन मतदाताओं को मिलेगी जो शिक्षा, रोजगार या किसी अन्य कारणवश किसी दूसरी जगह पर चले गए हैं और मतदान के लिए अपने मूल निवास के मतदान केंद्र पर नहीं पहुंच पाते हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे मतदाताओं को रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयारी प्रारंभ कर दी है। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने गुरुवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी मतदाता मतदान करने से वंचित न हो। उन्होंने बताया कि शिक्षा, रोजगार सहित किसी अन्य कारण से मतदाता किसी दूसरे राज्य में चला जाता है और मतदान के दिन वह अपने क्षेत्र में नहीं पहुँच पाता, तो उसे रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान ...