इस बार जनादेश के मायने
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
अठारहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि मतदाता के मन को समझना इतना आसान नहीं हैं। इसी तरह से एग्जिट पोल के परिणामों और धरातलीय परिणामों में अंतर से साफ हो जाता है कि मतदाता खुलता भी नहीं है तो किसके पक्ष में मतदान करके आया है उसे वह मुखर होकर बताता भी नहीं है। चुनाव परिणामों से सट्टा बाजार की भी पोल खुल कर रह गई है। ऐसे में सवाल यह हो जाता है कि मतदाता इस जनादेश के माध्यम से आखिर संदेश क्या देना चाहते है? लोकसभा चुनाव परिणाम से यह तो साफ हो गया है कि मतदाता ने एनडीए को तीसरी बार सरकार चलाने का अवसर दे दिया है। बहुमत के 272 की तुलना में एनडीए को 293 सीटें मिली हैं। यह अलग बात है कि पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भाजपा अकेले स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई। बावजूद इसके वह लोकसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। देखा जाए तो 10 सा...