हिंसा की लपटों में फ्रांस
- प्रभुनाथ शुक्ल
फ्रांस इस समय दुनिया की सुर्खियों में है। देशभर में लोग हिंसक और उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। मैंक्रो सरकार हाशिये है। प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। निश्चित रूप से सारे घटनाक्रम की वजह फ्रांस की पुलिस और वहां का असहिष्णु कानून है। ट्रैफिक नियमों का कथित रूप से अनुपालन न करने पर एक किशोर को जांच की आड़ में गोली मार दी गई। कारचालक 17 वर्षीय किशोर नाहेल एम पर आरोप था कि उसने वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस पर रिवाल्वर तान दिया था। निश्चित रूप से इसकी जितनी आलोचना की जाए वह कम है। दुनिया भर में मानवीय और उसके अधिकार सर्वोपरि होने चाहिए।
मीडिया की खबरों और उसके विश्लेषण से पता चलता है कि पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए निर्दोष युवक पर इस तरह का आरोप मढ़ रही है। नाहेल ने अगर ट्रैफिक नियम को तोड़ा था तो उसे दूसरे तरीके से भी सजा दी जा सकती थी। यह जुर्म इतना बड़ा नहीं था कि उसे गोली मार दी...