असम में संघ कार्य के विस्तार में है विनायक राव कानेतकर का महत्वपूर्ण योगदान
- प्रशांत बुजरबरुवा
डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। इसके लगभग 21 साल बाद संघ कार्य के विस्तार के लिए 1946 में असम में तीन प्रचारक भेजे गए, जिनमें दादा राव परमार्थ, श्रीपद सहस्र भोजनी और कृष्ण परांजपे शामिल हैं। संघ के प्रचारक का अर्थ है कठिन जीवन। शिक्षा-दीक्षा पूरी करके घर के रोजमर्रा के कार्यों से दूर रहकर संघ कार्य के विस्तार में दिन-रात एक कर देना। संघ का मुख्य कार्य शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण है। प्रचारकों का कार्य शाखा विस्तार के साथ ही संघ के वैचारिक अधिष्ठान को बढ़ाना। भारतीय परंपरा में 'राज्य' शब्द का अर्थ पश्चिम के स्टेट या नेशन से काफी अलग है। राष्ट्र की कल्पना, राज्य पर आधारित नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक रूप पर आधारित है। कई वर्षों की सोच के बाद भारत वर्ष में एक जीवन दर्शन का विकास हुआ है और उसके आधार पर एक जीवन पद्धति...