विचार यात्रा के पड़ाव
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय जनसंघ की स्थापना राष्ट्र प्रथम की विचारधारा के आधार पर हुई थी। उस समय देश में कांग्रेस का वर्चस्व था। यह माना जाता था कि जनसंघ को विपक्ष की ही भूमिका का निर्वाह करना है। तब सदन में इसका संख्याबल कम होता था, लेकिन वैचारिक ओज प्रबल था। भारी बहुमत की सरकारें भी नाम मात्र के संख्याबल के विचारों से परेशान थीं। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जब संसद में बोलते थे, तब लोग ध्यान से सुनते थे। सरकार को भी कई मसलों को सुधारने संभालने की प्रेरणा मिलती थी। जनसंघ और भाजपा की यात्रा में अटल-आडवाणी की जोड़ी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है।
जनसंघ के दौर में हिन्दुत्व के मुद्दों को मुखर होकर उठाया जाता था। लेकिन उस समय की परिस्थितियां अलग थी। इन मुद्दों ने जनसंघ को हिन्दी भाषी राज्यों तक सीमित रखा। यहां भी जनसंघ सत्ता से बहुत दूर रही। गैर कांग्रेसवाद अभियान के समय कुछ ...