बढ़ता ताप, झुलसती धरती
- आयुषी दवे
दुनिया और कितनी गर्मी झेलने को तैयार है? यह सवाल बेहद गंभीर है और लोग इससे कब तक बेखबर रहेंगे यह समझ से परे है। अब तो इंसान क्या दूसरे जीव, जन्तु भी गर्मी से बेहाल होकर इस कदर बेकाबू हो रहे हैं कि कई तरह की तबाहियों का कारण बने हुए हैं। लेकिन हम हैं कि अपनी प्यारी धरती की तपिश को बजाए कम करने के और बढ़ाए जा रहे हैं। दुनिया में क्या धरती का तापमान बढ़ाकर ही विकास की कहानी लिखी जा सकती है?
क्या दुनिया में अबकी बार साल 2023 से अधिक गर्म 2024 कहलाएगा? जलवायु शोधकर्ता इसी पर चिंतित हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि वैज्ञानिकों ने ही खुलासा किया था कि पिछले साल उत्तरी गोलार्ध में इतनी गर्मी पड़ी कि करीब 2,000 साल का रिकॉर्ड टूटा और इसीलिए 2023, धरती पर अब तक का सबसे गर्म वर्ष कहलाया। अब इंग्लैंड में रोहेम्पटन विश्वविद्यालय का सामने आया नया शोध बेहद चिंताजनक है जो बताता है कि जब पृथ...