सावन में वायु भी गुनगुनाती है शिव संकल्प
- हृदयनारायण दीक्षित
सावन शिवार्चन और नीराजन आराधन का मास है। तब मेघ भी उतर आते हैं -शिव आराधक होकर। सुनता आया हूं कि शिव सोम प्रेमी हैं। सोम प्रकृति की सृजन शक्ति है। सृजन की यही शक्ति शिव ललाट की दीप्ति है। शिव के माथे पर सोम चन्द्र हैं। ऋग्वेद के ऋषियों के दुलारे सोम वनस्पतियों के राजा हैं। सावन वनस्पतियों के युवा हो जाने का काल है। झमाझम वर्षा का महीना। वायु भी शिव संकल्प सूक्त गुनगुनाते हुए बहती है और रुकती है उमस सहित तो शिव का रूद्राभिषेक करने के लिए। सोम वनस्पतियों के राजा हैं। सोम प्रसन्न होते हैं। वनस्पतियां और औषधियां उगती हैं। खिलती हैं। खिलखिलाती हैं। भारतीय सप्ताह में एक दिन सोम का। पहला दिन रविवार रवि का तो दूसरा दिन सोमवार सोम का। सोमवार को शिव आराधन की मुहूर्त जाना गया है। ठीक भी है। हमारे समाज में भी प्रतिष्ठित लोग सप्ताह में एक दिन खुलकर मिलते हैं। बाकी दिन व्यस्त रहते ...