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सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों को आकार देती हैं पाठ्यपुस्तकें

सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों को आकार देती हैं पाठ्यपुस्तकें

अवर्गीकृत
- प्रियंका सौरभ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी ) देशभर में शिक्षा को मानकीकृत करने वाली पाठ्यपुस्तकों को विकसित और वितरित करके देश की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय एकीकरण, वैज्ञानिक सोच और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देते हुए एक व्यापक और संतुलित शिक्षा प्रदान करना है। भारत में छात्रों के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को आकार देने में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों अमूल्य योगदान है. एक अच्छी शिक्षा व्यापक व्याख्या, तथ्यों का व्यापक प्रदर्शन, बौद्धिक विकास और उन तथ्यों, उन व्याख्याओं के आलोचनात्मक विश्लेषण का साधन प्रदान करती है। कई विषयों में सामाजिक और सांस्कृतिक कारक शामिल होते हैं और एक वैध पाठ्यक्रम में उन्हें यथासंभव ईमानदारी और निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत किया जाता है (हालांकि ऐसे विषयो...
भारत में भारतीय होना चाहिए शिक्षा का मॉडल

भारत में भारतीय होना चाहिए शिक्षा का मॉडल

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- डॉ. नितिन सहारिया भारतीय संस्कृति मूल्य आधारित संस्कृति है। मूल्यों को धारण करने के कारण ही मानव के अंदर मानवीयता का आभास होता है। मूल्य ही दो पैर- दो हाथ वाले प्राणी मनुष्य को मनुष्यत प्रदान करते हैं अन्यथा वह पशुवत है। मूल्य मानवता का आधार हैं। मूल्य की मनुष्य के अंदर स्थापना होने से मनुष्ययत्व की गरिमा बढ़ती है। मूल्य मानवता के प्राण हैं। मूल्य विहीन मनुष्य का जीवन बगैर खुशबू के पुष्प की तरह से निरर्थक है। अतः इन मूल्यों को धारण करने के कारण भारतीय संस्कृति में वैश्विकता, निरंतरता, जीवंतता, श्रेष्ठता, शाश्वतता, आध्यात्मिकता की अनुभूति होती है, जो इसे वैश्विक संस्कृति Global culture बनाते हैं। भारतीय संस्कृति के मूल्य सार्वभौमिक हैं। मूल्य वे तत्व या गुण हैं जो मानवीय आचरण में श्रेष्ठता, विशिष्टता, दिव्यत्व, उत्कृष्टता को प्रदर्शित करते हैं। मानव के व्यक्तित्व को सुगंध, दिव्य आचर...
भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं दीपावली के दीपक : PM मोदी

भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं दीपावली के दीपक : PM मोदी

देश
अयोध्या/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दीये की रोशनी (lamp light) को सबके साथ जुड़ाव और विश्व कल्याण का प्रतीक (symbol of world welfare) बताते हुए कहा कि दीपावली के दीपक (Deepawali lamps) हमारे लिए केवल एक वस्तु नहीं है। ये भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं। प्रधानमंत्री ने रविवार को अयोध्या में भव्य दीपोत्सव (Grand Deepotsav in Ayodhya) का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज अयोध्या जी, दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से भव्य हैं, आज अयोध्या नगरी, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि हमने त्रेता की उस अयोध्या के दर्शन नहीं किए, लेकिन प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आज हम अमृतकाल में अमर अयोध्या की अलौकिकता के साक्षी बन रहे हैं। हम उस सभ्यता और संस्कृति के वाहक हैं, पर्व और उत्स...

रामायण और बुद्ध धर्म के मूल्यों को सहेजते भारत और थाईलैंडः मंत्री उषा ठाकुर

देश, मध्य प्रदेश
- थाईलैंड में "बुद्धभूमि भारत-बुद्ध के पद चिन्हों पर यात्रा" कार्यक्रम का शुभारंभ भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने कहा कि थाईलैंड (Thailand) में रामायण का गहरा सांस्कृतिक प्रभाव (deep cultural impact of Ramayana) है। यहां रामकियन के नाम से जानी जाने वाली रामायण एक राष्ट्रीय महाकाव्य है। बुद्ध धर्म यहां का प्रमुख धर्म है। इस तरह बुद्ध धर्म और रामायण के मूल्यों को आत्मसात करते हुए दोनों देश वैश्विक शांति, मानवतावाद और बंधुत्व के सिद्धांत का पालन करते हैं। मंत्री उषा ठाकुर शुक्रवार को बैंकॉक के एमक्वार्टियर शॉपिंग सेंटर में "बुद्धभूमि भारत-बुद्ध के पद चिन्हों पर यात्रा" कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। थाई-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर यह तीन दिवसीय आयोजन किया गया है। मंत्री उषा ठाकुर...