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रामचरित मानस की बात ही निराली है

रामचरित मानस की बात ही निराली है

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- हृदयनारायण दीक्षित यूनेस्को की 'मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर' में रामचरितमानस को एशिया पेसिफिक की 20 धरोहरों में शामिल किया गया है। रामचरितमानस पूरे विश्व में श्रद्धा के साथ पढ़ी जाती है। वैसे श्रीराम से जुड़ी घटनाओं पर राम कथा में अनेक ग्रंथ लिखे गए हैं। श्री वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण रामकथा का उत्कृष्ट ग्रंथ है। 20 हजार से अधिक श्लोकों में विस्तृत रामायण सारी दुनिया में चर्चित है। रामायण और महाभारत को भारत में महाकाव्य कहा जाता है। रामायण और महाभारत में दर्शन है, इतिहास है। तमाम प्रभावशाली आख्यान भी हैं। लेकिन रामचरितमानस की बात ही दूसरी है। रामचरितमानस में भक्ति है, परम सत्ता के प्रति समर्पण है। यह सीधी-सादी सरल भाषा में लिखी गई प्रतिष्ठित संरचना है। इसकी भाषा प्रवाहमान है, सरल है, बिना प्रयास के ही मस्तिष्क से हृदय में पहुंच जाती है। इसकी कथा ज्ञान और भक्ति से भरी पूरी है। तुल...
MP की छह ऐतिहासिक धरोहरें यूनेस्को अस्थायी सूची में हुई शामिल

MP की छह ऐतिहासिक धरोहरें यूनेस्को अस्थायी सूची में हुई शामिल

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को - UNESCO) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छह दर्शनीय स्थलों (Six tourist places) को अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया है। ये दर्शनीय स्थल ग्वालियर किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजेश्वर महादेव मंदिर-भोजपुर, चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, खूनी भंडारा, बुरहानपुर एवं रामनगर और मंडला का गोंड स्मारक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि मध्यप्रदेश की महान संस्कृति एवं सभ्यता विश्व पटल पर भी प्रतिष्ठित हो रही है। यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा भारत की अस्थायी सूची में मध्यप्रदेश की छह धरोहरों को सम्मिलित किया गया है। मध्यप्रदेश की अद्भुत एवं सांस्कृतिक धरोहर अब विश्व धरोहर के रूप में होगी प्रतिष्ठित होंगी। इस गौरव के क्षण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई...
भारत में शिक्षा की दुर्दशा

भारत में शिक्षा की दुर्दशा

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में शिक्षा की कितनी दुर्दशा है, इसका पता यूनेस्को की एक ताजा रपट से चल रहा है। 75 साल की आजादी के बावजूद एशिया के छोटे-मोटे देशों के मुकाबले भारत क्यों पिछड़ा हुआ है, इसका मूल कारण यह है कि हमारी सरकारों ने शिक्षा और चिकित्सा पर कभी समुचित ध्यान दिया ही नहीं। इसीलिए देश के मुट्ठीभर लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते हैं और निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवाते हैं। देश के 100 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के बच्चे उचित शिक्षा-दीक्षा से और वे लोग पर्याप्त चिकित्सा से वंचित रहते हैं। यूनेस्को ने भारत में खोज-पड़ताल करके बताया है कि देश के 73 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि वहां पढ़ाई का स्तर घटिया होता है। वहां से पढ़े हुए बच्चों को ऊंची नौकरियां नहीं मिलती हैं, क्योंकि उनका अंग्रेजी ज्ञान कमजोर होता है। हमारी ...
अहमदाबाद दुनिया के 50 ‘सर्वश्रेष्ठ स्थानों’ की सूची में शामिल, अमित शाह ने दी बधाई

अहमदाबाद दुनिया के 50 ‘सर्वश्रेष्ठ स्थानों’ की सूची में शामिल, अमित शाह ने दी बधाई

देश
नई दिल्‍ली । टाइम पत्रिका (time magazine) ने वर्ष 2022 के 50 सर्वश्रेष्ठ स्थानों (best places) की सूची में भारत के पहले यूनेस्को विश्व धरोहर शहर अहमदाबाद (Ahmedabad) को शामिल किया है। इस उपलब्धि पर बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोगों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया कि 2001 से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री, पीएम नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विचारों ने राज्य में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण की नींव रखी। साबरमती रिवर फ्रंट हो या अहमदाबाद का साइंस सिटी, मोदी ने हमेशा अगली पीढ़ी के बुनियाद को मजबूत करने और भारत को भविष्य के लिए तैयार बनाने पर जोर दिया और इसी का नतीजा है कि आज यह शहर फलफूल रहा है।...