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केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ग्वालियर में ड्रोन के जरिए वर्चुअली फहराया तिरंगा

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ग्वालियर में ड्रोन के जरिए वर्चुअली फहराया तिरंगा

देश, मध्य प्रदेश
-ड्रोन से दिखाईं शहर की प्रमुख विकास परियोजनाओं की तस्वीरें भोपाल (Bhopal)। आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav of Independence) के रंग में उस समय एक नया रंग और जुड़ गया, जब केन्द्रीय नागरिक उड्डन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने बुधवार शाम को ग्वालियर (Gwalior) में ड्रोन के जरिए वर्चुअली तिरंगा (Tricolor hoisted virtually through drone) फहराया। इस दौरान ड्रोन से शहर के विकास की उन परियोजनाओं की लाइव तस्वीरें भी दिखाईं, जो केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के ड्रीम प्रोजेक्ट हैं। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ नया करने के लिए जाने जाते हैं। इसी क्रम में उन्होंने नया प्रयोग करते हुए ग्वालियर में ड्रोन के जरिए तिरंगा फहराया। इस दौरान 15 मिनट में ड्रोन जिन नौ विकास कार्य के स्थलों से गुजरा, वहां की तस्वीरें भी दिखाईं। ड्रोन स्वर्णरे...
अमृतकाल में शान से फहराएं तिरंगा

अमृतकाल में शान से फहराएं तिरंगा

अवर्गीकृत
- प्रभुनाथ शुक्ल राष्ट्रीय ध्वज हमारे गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है। दुनिया का कोई भी देश अपने राष्ट्रीय ध्वज को जान से भी अधिक सम्मान देता है। राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए लाखों लोग बलिदान हो चुके हैं। भारत में राष्ट्रीय ध्वज विशेष अवसरों पर फहराया जाता है। बचपन में जब हम स्कूली शिक्षा ग्रहण कर रहे थे उस दौरान स्वाधीनता और गणतंत्र दिवस पर प्रभातफेरी निकाली जाती थी। उस दौरान स्कूली बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर यह गीत गाया करते थे ‘विजयी विश्व तिरंगा, प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा’। राष्ट्रीय ध्वज की परिकल्पना सबसे पहले पिंगली वेंकैया ने की थी। यह आजादी का अमृतकाल है। देश के हर व्यक्ति को गौरव के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए। ऐसा करने अपने भीतर अपना देश, अपनी माटी की अकल्पनीय अनुभूति होती है और राष्ट्रीय भावना और मजबूत होती है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से बना है। सबसे ऊपर केसरिया...

अंग्रेजों के वीरभूमि छोडऩे पर हमीरपुर में सेनानियों ने फहराया था तिंरगा

अवर्गीकृत
-अंग्रेजों के भागने के बाद पूरे गांव में जलाए गए थे दीपक हमीरपुर जिले में क्रांतिकारियों का गढ़ माने जाने वाले गांव में अंग्रेजों के भागने के बाद एतिहासिक मंदिर के सामने तिरंगा फहराकर हजारों ग्रामीणों ने जश्न मनाया था। पूरे क्षेत्र में आजादी के जश्न में घर-घर दीये जलाए गए थे। हमीरपुर जिले के मुस्करा थाना क्षेत्र के गहरौली गांव में बांके बिहारी जू मंदिर स्थित है। इसका इतिहास भी सैकड़ों साल पुराना है। मंदिर में पहले अवध बिहारी महंत होते थे जिनके चमत्कार को आज भी गांव के लोग याद करते है। मंदिर के पुजारी राजा भैया दीक्षित ने बताया कि जिले का यही एक मंदिर है जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अतीत को संजोए है। मंदिर की देखरेख करने वाले विमल चन्द्र गुरुदेव ने बताया कि इस मंदिर को सरकारी स्तर पर संवारने के लिए कोई मदद नहीं मिली है लेकिन स्वयं के खर्च से मंदिर को नए आयाम दिए गए है। क्षेत्रीय पुरा...