Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Tribal Society

धर्मांतरण से उबलता जनजातीय समाज

धर्मांतरण से उबलता जनजातीय समाज

अवर्गीकृत
- प्रवीण गुगनानी छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग विशेषतः नारायणपुर जिला पुनः अस्थिर, अशांत और अनमना सा है। सदा की तरह कारण वही है- धर्मांतरण। वैसे तो समूचा छत्तीसगढ़ ही धर्मांतरण और मसीही आतंक से पीड़ित है। बस्तर संभाग में यह दंश कुछ अधिक है। सदा की तरह कारण स्थानीय जनजातीय समाज की परम्पराओं, मान्यताओं, पूजा परंपरा, देव परंपरा आदि आदि पर हमला। छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज पर सतत हो रहे हमले और उनके धर्मांतरण को लेकर दो छत्तीसगढ़ी लोकोक्तियां ध्यान आती हैं-खाँड़ा गिरै कोंहड़ा माँ, त कोंहड़ा जाय। -- कोंहड़ा गिरै खाँड़ा माँ, त कोंहड़ा जाय। अर्थात कुल्हाड़ी गिरे कुम्हड़े पर गिरे, या, तो कुम्हड़ा कुल्हाड़ी पर गिरे, कटता तो कुम्हड़ा ही है। छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज की स्थिति शत प्रतिशत कुम्हड़े के समान हो गई है और कुल्हाड़ी की भूमिका में है यहां बलात धर्मांतरण कराने वाला मसीही समाज और मसीही समाज की परम सहयोगी बघ...
जनजाति समाज के लिए चलाई जा रही आर्थिक विकास की योजनाएं

जनजाति समाज के लिए चलाई जा रही आर्थिक विकास की योजनाएं

अवर्गीकृत
- प्रहलाद सबनानी जनजाति समाज बहुत ही कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए देश में दूरदराज इलाकों के सघन जंगलों के बीच वनों में रहता है। जनजाति समाज के सदस्य बहुत ही कठिन जीवन व्यतीत करते रहे हैं एवं देश के वनों की सुरक्षा में इस समाज का योगदान अतुलनीय रहा है। चूंकि यह समाज भारत के सुदूर इलाकों में रहता है, अतः देश के आर्थिक विकास का लाभ इस समाज के सदस्यों को कम ही मिलता रहा है। इसी संदर्भ में केंद्र सरकार एवं कई राज्य सरकारों ने विशेष रूप से जनजाति समाज के लिए कई योजनाएं इस उद्देश्य से प्रारम्भ की हैं कि इस समाज के सदस्यों को राष्ट्र विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। इस समाज की कठिन जीवनशैली को कुछ हद तक आसान बनाया जा सके। भारत में सम्पन्न हुई वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या 10.43 करोड़ है, जो भारत की कुल जनसंख्या का 8.6 प्रतिशत है। जनजाति समाज के स...